दैनिक अवंतिका उज्जैन। महाकाल मंदिर में रोजे तड़के 4 बजे होने वाली भस्मारती में शामिल होने के लिए श्रद्धालु नागोजू सत्यनारायण से अनुमति दिलाने के नाम पर मंदिर के पुजारी के एक सेवक रोमिल शर्मा ने 14 हजार रुपए ले लिए। श्रद्धालु को जब भस्मारती देखने को नहीं मिली तो उसने मंदिर समिति से इसकी लिखित शिकायत की। 

शिकायत के बाद समिति के प्रशासक मृणाल मीणा ने कार्रवाई करते हुए पुजारी के सेवक को तत्काल मंदिर में प्रतिबंधित कर दिया है। महाकाल मंदिर में देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं के साथ भस्मारती की अनुमति के नाम पर ठगी के मामले खत्म होने का नाम नहीं ले रहे है। पहले भी कई मामले इस तरह के सामने आ चुके हैं और यह एक ओर नया मामला सामने आ गया।  

पुजारी के सेवक ने प्रति श्रद्धालु 

2 हजार रुपए का खर्च बताया 

मंदिर के पुजारी के सेवक रोमिल शर्मा ने 7 लोगों को भस्मारती की अनुमति दिलाने की बात कही थी। उन्हें प्रति श्रद्धालु 2 हजार रुपए का खर्चा बताया था। इस प्रकार श्रद्धालुओं ने उसे 14 हजार रुपए दे दिए लेकिन जब सेवक ने उन्हें सही अनुमति नहीं दी और वे प्रवेश को लेकर मंदिर में परेशान होते रहे। तब जाकर उन्होंने इसकी लिखित शिकायत मंदिर समिति के कार्यालय में जाकर की। मंदिर प्रशासन श्री मीणा ने कार्रवाई करते हुए पुजारी के सेवक शर्मा को मंदिर के विशेष मार्गों से प्रवेश पर प्रतिबंधित कर दिया है। 

ठगी के शिकार हुए श्रद्धालु ने 

खुद बताया क्या है मामला 

– श्रद्धालु नागोजू सत्यनारायण ने बताया 10 अप्रैल को वे उज्जैन आए।

– भस्मारती अनुमति के लिए वे दो माह से ऑनलाइन प्रयास कर रहे थे लेकिन नहीं मिल पाई।  

– रेल्वे स्टेशन के पास एसबीआई बैंक के सामने आंध्रा आश्रम में रुके। 

– होटल में श्रद्धालु को किसी ने नंबर दिए। वहां से पुजारी के सेवक रोमिल शर्मा के नंबर मिले। 

– रोमिल ने बात कर उन्हें प्रति व्यक्ति के मान से 7 व्यक्तियों के लिए 14 हजार रुपए लगना बताया। 

– श्रद्धालु ने फोन-पे के माध्यम से श्रद्धालु को रुपए दे दिए। 

– समिति के अधिकारियों ने बताया कि मामले में होटल मालिक प्रभाकर भी शामिल रहे।

– रुपए देने के बाद भी श्रद्धालुओं को मंदिर का सही टिकट नहीं दिया गया। 

– जब उन्हें भस्मारती नहीं मिली तो परेशान होते रहे तब जाकर शिकायत की। 

–  समिति के प्रशासक मीणा के आदेश पर मंदिर सुरक्षा व प्रोटोकॉल अधिकारी रूबी यादव ने इस संबंध में आदेश जारी किए। 

– आदेश में कहा है कि सेवक का उक्त कृत्य अमर्यादित होकर श्रद्धालुओं के साथ धोखाधड़ी करने वाला है। इसको ध्यान में रखकर सेवक रोमील शर्मा का प्रवेश मंदिर में प्रतिबंधित किया जाता है।