मोबाईल नंबर बदले, निर्वाचन में सूचना पर भी नही चढे
-कई कर्मचारियों को व्यक्तिगत सूचना नहीं मिली,परेशानी से होते रहे दो-चार
उज्जैन। निर्वाचन में कर्मचारियों को प्रशिक्षण का काम तेजी से चल रहा है। इसके तहत कई कर्मचारी व्यक्तिगत सूचना नहीं मिलने से आहत और परेशान हो रहे हैं। मसला मोबाईल नंबर बदलने से शुरू हो रहा है जिसकी सूचना निर्वाचन को पूर्व में दिए जाने के बाद भी पुराने नंबर ही सूची में चल रहा है। इसके चलते कर्मचारियों को सूचना मिलने में परेशानी हो रही है और कार्यालयों पर छुट्टियों के चलते मनमानी।
जिला निर्वाचन से मतदान के लिए कर्मचारियों के प्रशिक्षण का काम युद्ध स्तर पर शुरू हो चुका है। इसके लिए कर्मचारियों को सूचना देते हुए प्रशिक्षण आयोजित किए जा रहे हैं। कर्मचारियों की सूचना में ऐसे कई कर्मचारी हैं जिनके मोबाईल नंबर बदल गए हैं लेकिन उन्हें पुराने नंबर पर ही सूचना दी जा रही है। ऐसे में कर्मचारी प्रशिक्षण की सूचना से वंचित भी हो रहे हैं। सामने आ रहा है कि विभागीय स्तर पर निर्वाचन की सूची में ही मोबाईल नंबर अपडेट कर नहीं भेजे गए हैं। इसके साथ यह जानकारी भी सामने आ रही है कि कुछ कर्मचारियों ने पूर्व के चुनाव के दौरान भी ऐसी ही गफलत होने पर विभाग एवं निर्वाचन में मोबाईल नंबर परिवर्तन की सूचना से लिखित अवगत करवाया था इसके बाद भी नंबर में परिवर्तन नहीं किए गए हैं। कर्मचारी के निर्वाचन कार्यालय एवं विभागीय कार्यालय में मोबाईल नंबर परिवर्तन की सूचना देने के सालों बाद भी इसमें परिवर्तन न होना कई सवालों को जन्म दे रहा है। इससे स्पष्ट हो रहा है कि निर्वाचन में पुरानी सूची से ही कर्मचारियों की डयूटी लगाने का काम अंजाम दिया जा रहा है।
परेशान होते रहे कर्मचारी-
बुधवार को रामनवमी का अवकाश था। ऐसे में कुछ विभाग के कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण का आदेश निर्वाचन की और से जारी किया गया। इनमें कुछ कर्मचारियों के मोबाईल नंबर परिवर्तित होने की स्थिति में उन्हें दोपहर में जानकारी ही नहीं मिल सकी। अपरांह उपरांत ग्रुप जानकारी सामने आने पर विभागीय कार्यालय से आदेश की प्रति के लिए परेशान होते रहे। तब तक कार्यालयों में भी ताले डल चुके थे। हाल यह थे जिला निर्वाचन अधिकारी के आदेश के बावजूद अवकाश दिवस में कुछ कार्यालय नहीं खुल रहे हैं जबकि पूर्व में ही इसे लेकर विभाग प्रमुखों को आदेशित किया जा चुका है कि अवकाश दिवस में भी कार्यालय में कम से कम एक कर्मचारी की डयूटी लगाई जाए जिससे की निर्वाचन के काम में परेशानी न हो।