श्री महाकाल मंदिर में हाई ब्रिड अग्निशमन सिस्टम के लिए सर्वे शुरू
-अधिकारी ने आकर नाप जोख लिया ,गर्भगृह के मुहाने तक की नपती ली गई
उज्जैन । श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में 25 मार्च को होली के अवसर पर लगी आग की जांच करने वाले नागपुर के फायर इंजीनियरिंग कालेज के निदेशक निलेश उकुंडे एक बार फिर बुधवार को उज्जैन आए । उन्होंने मंदिर एवं परिसर में लगने वाले हाई ब्रिड फायर सिस्टम को लेकर सर्वे की शुरूआत की है ऐसा मंदिर के अधिकृत सूत्रों का कहना है। इस दौरान उन्होंने मंदिर के नंदी गृह से गर्भगृह तक नपती का काम किया है।
बुधवार दोपहर में श्री उकुंडे मंदिर में पहुंचे थे उन्होंने कर्मचारियों एवं पुलिसकर्मियों की उपस्थिति में अपनी नाप जोक्ष का काम शुरू किया । इससे पूर्व वे मंदिर प्रशासनिक कार्यालय में काफी देर बैठे थे। उन्होंने मंदिर के नंदी गृह के बेरिकेडस से लगाकर गर्भगृह के द्वार तक और अन्य स्थानों तक की नपती को लिया है। इसके साथ ही उन्होंने अन्य स्थानों पर भी अपनी नपती की है। करीब डेढ घंटे से अधिक मंदिर के नंदी गृह में उन्होंने अपने काम को अंजाम दिया और उसके बाद परिसर में भी उन्होंने यही किया। मिडिया के उनसे पूछे जाने पर उन्होंने किसी भी प्रकार के जवाब से इंकार कर दिया ,बस इतना कहा कि मंदिर प्रबंध समिति के अधिकारी ही जानकारी देने के लिए अधिकृत हैं। गौरतलब है कि होली के दिन श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में लगी भीषण आग की जांच के लिए नागपुर से फारेंसिक फायर और साइबर जांचकर्ता के मुख्य जांचकर्ता निलेश उकुंडे को जिला पंचायत ने यहां जांच के लिए आमंत्रित किया था। नागपुर में फायर इंजीनियरिंग कालेज के निदेशक श्री उकुंडे इस क्षेत्र के विशेषज्ञ माने जाते हैं। मंदिर में आग होली के दौरान इस्तेमाल किए गए गुलाल में मौजूद कपूर के कारण लगने की आशंका जताई गई थी। जांच के बाद उकुंडे ने अपनी रिपोर्ट प्रशासन को दे दी थी। इसके बाद मंदिर में हाई ब्रिड फायर सिस्टम लगाने को लेकर निर्णय लिया गया है। इसी को लेकर बुधवार को सर्वे जांच किए जाने की जानकारी सामने आ रही है।