ठाकुर को ठुकराने वाले बन गए विजयवर्गीय की आन बान और शान
महू के अंबेडकर जयंती के कार्यक्रम उपजा अब नया विवाद
इंदौर। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अंबेडकर जयंती पर उनकी जन्मस्थली महू ने दलित कुंभ लगा था। इस बार चुनाव के कारण अपेक्षाकृत भीड़ तो कम थी, परंतु इसके बावजूद भी सभी राजनीतिक दलों ने दलितों को रिझाने के लिए बाबा साहब के स्मारक स्थल पर जाने का उपक्रम किया था।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव सुबह बाबा साहब के स्मारक आने वाले थे, लेकिन खराब मौसम और प्रधानमंत्री की पिपरिया यात्रा के कारण उनका कार्यक्रम टल गया। ऐसे में उनकी जगह महू से दो बार विधायक रहे कैलाश विजयवर्गीय ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
हालांकि शाम को उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा भी महू पहुंचे। नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के साथ जिस तरह कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ा उससे स्थानीय विधायक उषा ठाकुर परेशानी में आ गई हैं। उषा ठाकुर के तमाम विरोधी जिनके खिलाफ उन्होंने भीतरघात घात की शिकायत पार्टी से की थी वो सभी कैलाश विजयवर्गीय के साथ नजर आए।
खास तौर पर नए नवेले कांग्रेस से भाजपा में आए अंतर सिंह दरबार सक्रिय दिखे। विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार उषा ठाकुर विरोधियों को इस तरह से एकजुट और उत्साह में देखा गया। इस दिन हुई इस घटना ने महू विधानसभा में जबरदस्त हलचल पैदा कर दी है। हो सकता है आने वाले समय में गुटीय राजनीति में इसके दुष्परिणाम भी देखने को मिले।
नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के आगमन पर सबसे पहले उनका स्वागत स्थानीय किशनगंज में किया गया था। विजयवर्गीय के साथ प्रदेश भाजपा की महामंत्री एवं राज्यसभा सांसद कविता पाटीदार तथा जिला भाजपा अध्यक्ष चिंटू वर्मा विमानतल से ही साथ आए थे। किशनगंज में धार महू लोकसभा क्षेत्र के सह प्रभारी एवं प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी के सदस्य राधे श्याम यादव, पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार लोकतंत्र सेनानी शेखर बुंदेला, जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष रामकरण भाभर, भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष मनोज ठाकुर, मानपुर नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष रवि यादव, महिला मोर्चे की आरती शर्मा, सीमा शमी, पूर्व पार्षद अशोक वर्मा किशनगंज ग्राम पंचायत के सरपंच मनोज कौशल, किशोर पाटीदार पूर्व मंडल अध्यक्ष दिनेश पटेल, पूर्व मंडल अध्यक्ष मनोज पाटीदार, संतोष पाटीदार सहित विधानसभा क्षेत्र के सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।
उषा ठाकुर ने इनमें से अधिकांश नेताओं के खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों की शिकायत कर रखी है। ऐसे में इन सभी का कैलाश विजयवर्गीय की सरपरस्ती में एकजुट होना उषा ठाकुर के लिए
परेशानी का सबब बन चुका है।
इसके पूर्व जब उषा ठाकुर को 1 नंबर विधानसभा से चुनाव दौबारा लड़ना था, तब सुदर्शन गुप्ता उनके सामने विरोधी बनकर खड़े हुए थे। भाजपा की राजनीति में उस समय काफी उठा पटक देखने को मिली थी।