भाजपा और कांग्रेस में लोकसभा चुनाव को लेकर नामांकन प्रणाली को लेकर हलचल

 

प्रचार प्रसार केवल बैठक और सम्मेलन तक हुए सीमित

इंदौर। मालवा और निमाड़ अंचल यानी इंदौर उज्जैन संभाग की आठ लोकसभा सीटों के लिए आज से नामांकन पत्र जमा होंगे। इन सीटों पर 13 में को मतदान होगा। इंदौर, उज्जैन, धार सहित आठ लोकसभा क्षेत्र में 18 अप्रैल से अधिसूचना जारी हो गई। अब नामांकन जमा करने की प्रक्रिया शुरू हो गई। इंदौर जिले में कलेक्टर कार्यालय में नामांकन जमा करने के लिए व्यवस्थाएं की गई है।
प्रत्याशी चार सेट में अपना नामांकन जमा कर सकते हैं। वहीं अंतिम तारीख तक प्रत्याशी को शपथ पत्र भी प्रस्तुत करना होगा। लोकसभा निर्वाचन के तहत मध्य प्रदेश में 4 चरणों में लोकसभा चुनाव होने हैं चौथे चरण में मध्य प्रदेश के 8 लोकसभा क्षेत्रों में 18 अप्रैल से नाम निर्देशन-पत्र भरने शुरू हो गए है ।
नाम निर्देशन-पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 25 अप्रैल है। इसके अगले दिन 26 अप्रैल को नाम निर्देशन-पत्रों की स्क्रूटनी की जाएगी। नाम निर्देशन-पत्र भर चुके प्रत्याशी 29 अप्रैल तक अपने नाम वापस ले सकेंगे। चौथे चरण के लिए 13 मई को मतदान होगा। सभी चरणों में हुए मतदान की मतगणना 4 जून को होगी। चौथे चरण में प्रदेश की आठ लोकसभा क्षेत्रो में मतदान होना है।
इसमें लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक देवास (अजा), उज्जैन (अजा), मंदसौर, रतलाम (अजजा), धार (अजजा), इंदौर, खरगोन (अजजा) एवं खंडवा में चुनाव होगा। सभी के लिए नामांकन प्रक्रिया आज से शुरू हो रही है।

भाजपा रतलाम और झाबुआ के लिए बेहद चिंतित —

इंदौर उज्जैन संभाग की चर्चा करें तो केवल रतलाम झाबुआ में ही कांग्रेस टक्कर देती प्रतीत हो रही है। अन्य सभी सात सीटों पर भाजपा बढ़त लिए हुए हैं। भाजपा मजबूत स्थिति में होने के बावजूद उसका अंदाज फीलगुड वाला नहीं है। आत्ममुग्धता से परे भाजपा मैदान में इस कदर सक्रिय है कि लंबे अंतर से और लगातार जीतने वाली सीट पर भी लगातार मैदानी काम हो रहा है। उधर बात प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस की करे तो लग रहा है पार्टी अभी विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के सदमे से ही नहीं उबरी है। वरिष्ठ नेताओं की पाला छोड़ने जैसी कवायदों ने पार्टी के भीतर असमंजस का वातावरण पैदा कर दिया, वहीं दूसरी और लोकसभा प्रत्याशियों के चयन में भी पार्टी को पसीने छूट गए।
बहरहाल इस सूरतेहाल में कांग्रेस पार्टी भाजपा के खिलाफ कैसे मजबूती के साथ खड़ी होगी यह देखने वाली बात होगी।
मालवा निमाड़ मतलब इंदौर उज्जैन संभाग में कुल आठ लोकसभा सीटे है। इन सभी सीटों पर भाजपा का परचम लहरा रहा है। इंदौर जैसी सीट तो भाजपा का अजेय गढ़ बन चुकी है। सीटों पर जीत के अंतर की बात करे तो रतलाम झाबुआ सीट भाजपा ने 90 हजार से ज्यादा, रतलाम झाबुआ सीट पर करीब देढ़ लाख वोट और खंडवा उप चुनाव में करीब 80 हजार वोट से जीत दर्ज की।
शेष सभी पांच सीटों पर जीत का अंतर दो लाख से लेकर साढे पांच लाख तक है। गौरतलब है कि सूबे में कुल 66 विधानसभा सीट आती है मगर लोकसभा चुनाव में 64 सीट ही गणना में आती है। क्योकि आगर जिले की सुसनेर सीट राजगढ़ लोकसभा में और खातेगांव सीट विदिशा लोकसभा क्षेत्र में समाहित है। सूबे की लोकसभा सीटों के तहत आने वाली विधानसभा सीटों पर नजर डाले तो कांग्रेस 2018 के मुकाबले 2023 के चुनाव में ज्यादा कमजोर हुई है। बात 2018 के चुनाव की करे तो इसमे भाजपा के खाते में 33, कांग्रेस को 29 और 2 सीट निर्दलीय के खाते में गई थी।
हालांकि उप चुनाव के बाद सीटों में काफी अंतर भी आ गया था। 2023 के चुनाव में कांग्रेस अपने पुराने प्रदर्शन पर खरी नहीं उतर पाई। इस चुनाव में भाजपा को जबरदस्त तरीके से 47 सीटों पर जीत का परचम लहराने में सफल रही वही कांग्रेस महज 16 सीटों पर सिमट गई जबकि रतलाम लोकसभा क्षेत्र की सैलाना सीट निर्दलीय के खाते में चली गई। यानी इस अंचल में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को झटका लगा है। इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के मतभेदों के कारण भी पार्टी का चुनाव प्रचार अभियान प्रभावित हुआ है।