बच्चों के कांधों पर बस्ते का बोझ छुट्टी के बाद कम होगा…!
– शिक्षा विभाग स्कूल बेग पालिसी का पालन करवाने के लिए धरातल पर उतरेगा ?
उज्जैन। अप्रेल के प्रथम सप्ताह में सभी स्कूल शुरू हो गए। 1 मई से ग्रीष्मकालीन अवकाश की शुरूआत हो जाएगी। एक पखवाडे से चल रहे स्कूलों में बच्चों के कांधों पर बस्ते का बोझ दम निकाल रहा है। इन दिनों में किसी ने भी स्कूल बेग पालिसी को लेकर कोई संज्ञान नहीं लिया है। छुट्टियों के बाद इसे लेकर निती निर्धारक धरातल पर आएंगे या फिर पालिसी कागजों तक सिमटी रहेगी।
नई शिक्षा निती के धरातल पर उतारने के तहत बहुत कुछ होना है पर अभी तो स्कूल प्रबंधन और निती निर्धारक स्कूल बैग पॉलिसी 2020 का ही पालन नहीं करवा पा रहे हैं। खास यह है कि इस निती का पालन शिक्षण सत्र की शुरूआत से ही होना था। पिछले एक पखवाडे में तो ऐसा कुछ देखने को नहीं मिल सका है। शिक्षा सत्र के शुरूआत से ही इस मामले में उदासी का रवैया रहा है। इसके बाद आम चुनाव को लेकर व्यस्तताएं बढ जाने से भी स्कूल बेग पालिसी पर संभवत: जिम्मेदार ध्यान नहीं दे पाए हैं। अभी 6 दिन और स्कूलों का संचालन होना है। उसके बाद ग्रीष्म कालीन अवकाश की शुरूआत हो जाएगी । 15 जून के बाद सभी स्कूल जमकर लगेंगे। ऐसे में बस्ते का बोझ फिर से बढना तय है। वर्तमान में तो स्कूल बेग पॉलिसी का पालन नहीं हो पा रहा है। अप्रेल में आचार संहिता लगने के कारण शिक्षण सत्र में ज्यादा काम नहीं हो सका है। जून से ही शिक्षण सत्र का काम जोर पकडेगा। इसके चलते बच्चों से जमकर कापी किताब मंगवाए जाएंगे,जिससे बच्चों के बस्तों का बोझ एक दम बढना तय है। प्रायवेट स्कूल हो चाहे शासकीय सभी में एक सा हाल होने वाला है।
अभी यह है हाल….
कक्षा एक से पांच के लिए स्कूल बैग का वजन आम तौर पर 2 से 3.500 किलोग्राम हो। कहीं-कही 5 किलोग्राम तक है। अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुसार बैग का वजन शरीर के वजन का सिर्फ 10 प्रतिशत होना चाहिए।
यह है भारत सरकार की स्कूल बैग पॉलिसी
जो बच्चे प्री प्राइमरी क्लासेस में पढ़ रहे हैं, और 10 से 16 किलोग्राम वजन वाले हैं उन्हें अपने साथ स्कूल बैग ले जाने की जरूरत नहीं है। जो बच्चे पहली और दूसरी क्लास में पढ़ रहे हैं और उनका वजन 16 से 22 किलो ग्राम के आस-पास है, वे अधिकतम 1.6 किलोग्राम से 2.2 किलो तक के वजन का ही बैग ले जाएंगे। कक्षा 6, 7 या 8वीं के बच्चे जिनका वजन 20 से 30 किलोग्राम तक है, वे अधिकतम 2 से 3 किलो तक का बैग अपने साथ स्कूल लेकर जाएंगे। यदि उनका वजन 25 से 40 किलो तक का है तो वह 2.5 से 4 किलो तक का बैग ले जा सकते हैं। इसी तरह कक्षा 9 से 12 के बच्चे 2.5 किलो से 5 किलो ग्राम तक का बैग लेकर जा सकते हैं। नौवी 10 वीं के बैग का वजन 2.5 किलो से 4 या 5 किलो हो सकता है। जबकि, कक्षा 11 या 12 के स्टूडेंट्स के स्कूल बैग का वजन 3.5 किलो से 5 किलो तक हो सकता है।
ऐसे हो सकता है बोझ कम-
स्कूलों को अपने यहां वजन तौल मशीन लगानी चाहिए, ताकि बस्ते की तौल हो सके। स्कूलों में पीने के स्वच्छ पानी की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि पानी की बोतल न ले जानी पड़े।बैग में अलग-अलग कंपार्टमेंट हो। ताकि सारी चीजें अलग-अलग फिट हो सकें। बैग में दो गद्देदार और एक बराबर पट्टियां हो ताकि यह दोनों कंधों पर आसानी से चौकोर फिट हो सकें।
-अभी शिक्षण सत्र की शुरूआत से स्कूलों एवं कापी किताब,युनिफार्म के गठबंधन को लेकर कार्रवाई की है। चुनाव की व्यस्तताएं भी चल रही हैं। स्कूल बेग पालिसी को लेकर अभी कुछ नहीं हुआ है। 1मई से ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू हो जाएंगें। सत्र की नियमितता में जून में इस मुद्दे पर बराबर काम होना है।
आनंद शर्मा, जिला शिक्षाधिकारी,उज्जैन