बगैर मतदान लोकसभा में खुल गया भाजपा का खाता, मुकेश दलाल निर्विरोध निर्वाचित
सूरत में कांग्रेस प्रत्याशी का पर्चा रद्द होते ही सभी 8 उम्मीदवारों ने भी नाम वापस ले लिए
सूरत। गुजरात की लोकसभा सीट सूरत में न तो वोटिंग हुई, न तो मतगणना, फिर भी लोकसभा में बिना चुनाव के ही भाजपा का खाता खुल गया। जैसे ही कांग्रेस उम्मीदवार निलेश कुंभानी का नामांकन फॉर्म रद्द हुआ तो बचे हुए अन्य 8 उम्मीदवार भी धीरे से खिसक लिए और अपना उम्मीदवारी पत्र वापस ले लिया। ऐसा होते ही भाजपा के उम्मीदवार मुकेश दलाल निर्विरोध चुनाव जीत गए।
दरअसल, सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस के कैंडिडेट निलेश कुंभानी चुनाव अधिकारी के समक्ष अपने तीन में से एक भी प्रस्तावक को मौजूद नहीं रख पाए थे। इसके बाद चुनाव अधिकारी ने निलेश कुम्भानी का नामांकन फॉर्म रद्द कर दिया था। बीजेपी ने कांग्रेस के कैंडिडेट निलेश कुंभानी के फॉर्म में उनके तीन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर को लेकर सवाल उठाए थे। वहीं कांग्रेस ने नामांकन खारिज करने का आरोप सरकार पर मढ़ दिया है। कांग्रेस ने कहा, कि सरकार की धमकी के सामने सब डरे हुए हैं। कांग्रेस के नेता और एडवोकेट बाबू मांगुकीया ने कहा हमारे तीनों प्रस्तावकों का अपहरण हुआ है, चुनाव अधिकारी को अभी फॉर्म पर हस्ताक्षर हुए हैं या नहीं, इसकी नहीं बल्कि अपहरण की जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हस्ताक्षर टेली किए बगैर फॉर्म रद्द करना गलत है। प्रस्तावकों के हस्ताक्षर सही हैं या गलत, उसकी जांच के बगैर फॉर्म रद्द करना गलत है। वहीं निलेश कुंभानी के प्रस्तावक में उनके बहनोई, भांजे और भागीदार के हस्ताक्षर होने का दावा किया गया था, लेकिन तीनों प्रस्तावकों ने चुनाव अधिकारी के सामने कल एफिडेविट कर कहा था कि निलेश कुंभानी के फॉर्म में उनके हस्ताक्षर नहीं है, जिसके बाद से तीनों प्रस्तावक गायब हो गए।