चालक और साथी को पूछताछ के लिया रिमांड पर गाय-बैल की हड्डी और हाथ भट्टी की शराब से भरी थी आयशर

उज्जैन। आगर की ओर से आ रही आयशर में गाय-बैल की हड्डी और मांस भरा होने की खबर मिलने पर रविवार-सोमवार रात माकडोन पुलिस ने नाकाबंदी की। चैकिंग के दौरान इंदौर पासिंग आयशर की तिरपाल हटाने पर खबर पुख्ता हो गई। 2 आरोपियों को हिरासत में लिया गया। जिन्हे सोमवार को न्यायालय में पेश कर पूछताछ के लिये रिमांड पर लिया गया है। माकडोन थाना प्रभारी रामकुमार कोरी को रविवार रात मुखबीर ने खबर देकर बताया कि आगर की ओर से आ रही आयशर क्रमांक एमपी 09 जीएफ 3984 में गौवंश अवशेष का परिवहन किया जा रहा है। थाना प्रभारी ने एएसआई अशोक शर्मा, प्रधान आरक्षक मनोहरलाल, आरक्षक अर्चित शर्मा, राजेन्द्रसिंह, प्रकाश जाट के साथ ढाबला हर्दू चौराहा पर नाकाबंदी की और वाहनों की चैकिंग शुरू कर दी। आयशर के आते ही उसे रोका गया। पिछला हिस्सा तिरपाल से ढंका हुआ था। पुलिस जवानों ने तिरपाल हटाई तो गाय-बैल के अवशेष, हड्डियां भरी होना सामने आई। जांच के दौरान हाथ भट्टी से बनी कच्ची शराब की गंध भी आने लगी। तलाशी लेने पर 2 केन मिली। जिसमें शराब भरी हुई थी। आयशर में मोहम्मद पिता मेहराज खान निवासी खरगोन और प्रेम पिता मदनलाल निवासी कालिका मंदिर के पास लक्ष्मणपुरा आगर सवार थे। दोनों को हिरासत में लिया गया और थाने लाया गया। जहां शराब 58 लीटर होना सामने आई। पूछताछ करने पर आयशर खरगोन के रहने वाले रोशन पिता नौशाद खान निवासी काजीपुरा खरगोन की होना सामने आई। माकडोन थाना प्रभारी ने मामले में हिरासत में आये दोनों व्यक्तियों के साथ आयशर मालिक के खिलाफ आबकारी अधिनियम की धारा 34 (2) 49 (क) के साथ गोवंश प्रतिषेध अधिनियम 4, 6, 9 का प्रकरण दर्ज किया। दोनों को सोमवार दोपहर न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया गया है। जिन्हे आयशर मालिक की गिरफ्तारी के लिये खरगोन ले जाया जा सकता है।
हिन्दूवादी संगठन ने आयशर में की तोडफ़ोडगौवंश अवशेष से भरी आयशर पुलिस द्वारा जप्त किये जाने की खबर मिलने पर हिन्दूवादी संगठन के कार्यकर्ता और ग्रामीण मौके पर पहुंच गये। उनका आक्रोश फूट पड़ा। उन्होने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए चक्काजाम कर दिया। कुछ लोग इतने आक्रोशित हो गये थे कि उन्होने आयशर में तोडफ़ोड़ कर कांच फोड़ दिये। पुलिस ने मामला शांत किया और कार्यकर्ताओं को समझाईश देकर चक्काजाम खुलवाया। पुलिस ने मौके से आयशर की मदद से क्रेन को थाने पहुंचाया।आगर से खरगोन जा रही थी आयशरपुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में गिरफ्तार दोनों व्यक्तियों ने बताया कि आयशर को गाड़ी मालिक ने रोशन ने आगर से गौंवश के कंकाल और अवशेष भरवाकर मगरिया खरगोन स्थित गुलशन इंडस्ट्री के लिये रवाना की थी। उक्त इंडस्ट्री रोशन के भाई इमरान की है। पुलिस इस बात का पता लगाने में जुटी है कि गौवंश के उक्त अवशेषों को उपयोग किस चीज में किया जाता है। संभावना है कि मामले में बड़ा खुलासा भी हो सकता है।