एमडीएच और एवरेस्ट मसालों से कैंसर के खतरा ..! भारत में जांच शुरू
हांगकांग और सिंगापुर में दोनों कंपनियों के मसालों की बिक्री पर पांबदी
नई दिल्ली। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने अपने सभी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को भारत भर से एमडीएच, एवरेस्ट और अन्य सभी मसालों के नमूने इकट्ठा करने के लिए कहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि मसाला निर्माता कंपनियां मानक प्रक्रिया का पालन कर रही हैं या नहीं। हांगकांग का आरोप है कि इन कंपनियों के कई मसाला मिश्रणों में कथित रूप से स्वीकार्य सीमा से अधिक कार्सिनोजेनिक कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड पाया गया है। पिछले हफ्ते सिंगापुर ने एवरेस्ट के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई की थी। बताया जाता है कि मसालों के सभी एकत्र किए गए नमूनों का परीक्षण भारत में एफएसएसआई की 239 माइक्रो बायोलॉजिकल औऱ 300 लैब में किया जाएगा।
एफएसएसएआई को अगले 15-20 दिनों के भीतर इसका रिजल्ट मिल जाएगा। अगर मसाला उत्पादन में कोई गड़बड़ी मिलती है, तो कंपनी के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। गंभीर बात यह है कि, इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर द्वारा समूह 1 कार्सिनोजेन के रूप में वर्गीकृत, एथिलीन ऑक्साइड स्तन कैंसर के खतरे सहित गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है। अधिकारी ने कहा कि इस मुद्दे पर मसाला बोर्ड को भी अलर्ट जारी किया गया है। दोनों मसाला उत्पाद कंपनियों (एमडीएच और एवरेस्ट) को भी अपने उत्पाद का फॉर्मूलेशन उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। प्राधिकरण ने जांच के आदेश दिए
अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, एफएसएसएआई ने वर्ष 2022-23 में रासायनिक मिलावट की जांच के लिए 1,77,51 फलों और सब्जी उत्पादों का विश्लेषण किया. कुल विश्लेषण में से, 44,626 नमूने गैर-अनुरूप पाए गए, जिनमें 6,579 असुरक्षित, 21,917 अवमानक और 16,130 लेबलिंग दोष और भ्रामक थे.।