जैन समाज की महिलाओं ने मंदिर में मनाइ चैत्र पूर्णिमा, हुए धार्मिक आयोजन
सारंगपुर। हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का खास महत्व बताया गया है। इस बार चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि मंगलवार रही। पूर्णिमा के दिन चंद्र अपने पूर्ण आकार में होता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान और व्रत रखना विशेष फलदायी होता है। भगवान की पूरी श्रद्धा-भक्ति से पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है और व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। वहीं चैत्र पूर्णिमा के दिन कुछ उपाय भी दोगुना फल देते हैं। धार्मिक महत्व को समझते हुए स्थानीय श्रीशांतिनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर में जैन समाज की महिलाओं ने पूर्णिमा को सामूहिक रुप से मनाते हुए धार्मिक आयोजन किए और धर्मलाभ लिया। चैत्री पूर्णिमा का महत्व बताते हुए प्रीति बाला जैन ने बताया कि चैत्र पूर्णिमा के दिन 5 करोड मुनि के साथ पुंडरीक मुनि सिद्ध हुए थे। इसलिये गिरिराज भी पुंडरिकगिरिराज के नाम से प्रसिद्ध हुआ। चैत्री पूनम के दिन पुंडरीकगिरि पर रहे पुंडरीक गणधर की जो संघ सहित यात्रा करके पूजा करता है वो लोकोत्तर स्थिति को प्राप्त करता है।