वाट्सअप पर भेजा था सीबीआई का अरेस्ट आर्डर उत्तरप्रदेश-बिहार के बदमाशों ने ठगे थे व्यवसायी से 2 करोड़-हिरासत में 2 करोड़ ठगने वाले आरोपी
माधवनगर थाना क्षेत्र के रहने वाले व्यवसायी के पास 8 अप्रैल को अज्ञात व्यक्ति का मोबाइल पर कॉल आया। उसने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल के द्वारा की गई धोखाधड़ी का रूपया व्यवसायी के खाते में आना बताया। उक्त धोखाधड़ी का प्रकरण सीबीआई में दर्ज होने की बात कहीं। कॉलर के वाट्सअप पर महाराष्ट्र पुलिस का लोगो लगा था। व्यवसायी यह सब देख और सुनकर भयभीत हो गया। कॉलर ने उसे अलग-अलग नबंरों से कॉल भी किये और गर्वमेंट ऑफ इंडिया के विभिन्न विभागों के लेटर पर अरेस्ट आर्डर के साथ गोपनीय समझौतो की सहमति का एग्रीमेंट भी वाट्सअप पर भेजा और 2 करोड़ की डिमांड की। कॉल करने वाले ने बताया कि अगर धोखाधड़ी का रूपया खाते में आना सामने नहीं आया तो उससे मांगे गये रूपये वापस लौटा दिये जाएगें। गिर तारी के डर से 2 दिन में व्यवसायी ने 2 करोड़ रूपये आरटीजीएस के माध्यम से उसके द्वारा बताये खाते पंजाब नेशनल बैंक शाखा नालदा के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिये। 12 अप्रैल को व्यवसायी को अहसास हुआ कि उसके साथ बड़ी ठगी हो गई है। उसने पुलिस कंट्रोलरूम पहुंचकर एसपी प्रदीप शर्मा को पूरा घटनाक्रम बताया और सीबीआई का भेजा गया डिजीटल अरेस्ट आर्डर भी दिखाया। एसपी ने डिजीटल तरीके से हुई ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले में माधवनगर थाना पुलिस को प्रकरण दर्ज करने के निर्देश जारी किये और बदमाशों की पड़ताल और धरपकड़ के लिये टीम गठित कर दी। तकनीकी साक्ष्यों से तथ्य सामने आने पर पांच दिन पहले क्राइम ब्रांच, सायबर सेल, आईटी सेल और माधवनगर थाना पुलिस की टीमों को उत्तरप्रदेश-बिहार के लिये रवाना कर दिया। जहां पहुंचकर टीमों ने 2 करोड़ ठगने वालों की कडिय़ा जोड़ते हुए बिहार के नालंदा के भैंसापुर में रहने वाले मुकेश कुमार पिता रामचंद्र सॉ, अमरेंद्र कुमार (बहुबली) पिता ब्रजनंदन प्रसाद, शाहनवाज पिता मुन्ना आलम ग्राम किंजर अरबल बिहार को हिरासत में लिया। वही उत्तरप्रदेश के मेनपुरी स्थित कुशमरा निरीक्षण भवन के पास से शरद पिता अमोद पांडे और अनिल कुमार पिता भेरुसिंह यादव निवासी ग्राम नवादा एलाऊ से गिर तार कर लिया। पांचों को पूछताछ के लिये उज्जैन लाया गया है।
वाट्सअप वीडियो कॉल या अन्य एप्लीकेशन के माध्यम से किये गये कॉल पर मिलने वाली धमकी या झांसा में आकर रूपयों का ट्रांजेक्शन नहीं करे।
केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की किसी भी जांच एजेंसी द्वारा कभी भी ऑनलाइन कोर्ट का या गिर तारी का आर्डर नहंी भेजती है। ना ही जांच एजेंसी द्वारा वाट्सअप पर किसी भी राज्य के पुलिस अधिकारी का फोटो या मोनो लगाकर कॉल नहीं किया जाता है।
शातिर बदमाशों द्वारा अनजान नबंरों से कॉल एवं वाट्सअप पर मानव तस्करी, एनडीपीएस एक्ट के साथ अन्य अपराधिक मामलों में फंसाने या जालसाजी का झांसा देकर रूपयों की मांग रखी जाती है तो विश्वास नहीं करे।
अपने बैंक खातों, एटीएम कार्ड, यूपीआई, आईडी, ऑनलाइन लॉगिन पासवर्ड किसी को शेयर ना करे। सायबर धोखाधड़ी होने पर उज्जैन सायबर हेल्पलाइन नबंर 7587624914 पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराये