प्रदेश में दूसरे चरण में प्रचार पर भाजपा का ज्यादा जोर, आज थम जाएगा शोर
भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की छह सीटों पर प्रचार आज बुधवार को शाम छह बजे थम जाएगा। प्रचार में राजनीतिक दलों ने मतदाताओं को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। किसी ने वादों से लुभाने की कोशिश तो किसी ने विपक्ष द्वारा वादे पूरे नहीं करने पर सार्वजनिक आलोचना कर जनता के कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की। 11 अप्रैल के बाद से भाजपा ने यहां प्रचार पर खूब जोर मारा, पर कांग्रेस पिछड़ गई।
इन सीटों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी के राष्ट्रीय अघ्यक्ष जेपी नड़्डा और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और स्मृति ईरानी की सभा हुई। कांग्रेस के बड़े नेताओं में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ही सतना में सभा हुई। यहां पहले राहुल गांधी आने वाले थे, पर बाद में उनका कार्यक्रम रद होने के कारण खरगे पहुंचे। उन्होंने महंगाई, बेरोजगारी और गरीबी के मुद्दे पर भाजपा को घेरा। बसपा की ओर से सिर्फ रीवा में पार्टी प्रमुख मायावती की सभा हुई, जहां उन्होंने कहा कि हम ‘दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग और मुस्लिम के दम पर चुनाव लड़ रहे हैं।’
रणनीति के साथ भाजपा के दिग्गज नेताओं ने सभा के लिए उस जगह को चुना जिससे अगल-बगल की सीटों को भी साध सकें। उनके मुद्दे भी क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण से सधे हुए दिखे। कहीं ओबीसी कार्ड खेला तो कहीं, डा.आंबेडकर के जन्म दिवस पर हुई सभा में एससी वर्ग को साधने की कोशिश की। कांग्रेस की ‘न्याय गारंटी’ भी भाजपा नेताओं के निशाने पर रही। प्रधानमंत्री को छोड़ दें तो अमित शाह, जेपी नड्डा और राजनाथ सिंह ने एक दिन में दो से तीन सभाएं की, पर हर जगह उनका मुद्दा और शैली अलग रही।
कांग्रेस की बात करें तो पहले चरण की सीटों में शामिल मंडला और बालाघाट में राहुल गांधी ने जनसभा की थी। दूसरे चरण में मात्र सतना में उनकी सभा प्रस्तावित थी, जहां उनकी जगह खरगे पहुंचे। खरगे की छवि दलित नेता की है। सतना से उन्होंने रीवा लोकसभा सीट के एससी मतदाताओं को भी लुभाने की कोशिश की। कहा- फिर भाजपा आई तो संविधान खतरे में पड़ जाएगा।
कहां किसकी सभा से समीकरण साधे
दमोह और होशंगाबाद (पिपरिया) सीट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा हुई। 14 अप्रैल को डा. आंबेडकर के जन्म दिवस पर पिपरिया में हुई सभा ने उन्होंने प्रदेशभर के दलित मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश की।
खजुराहो सीट पर कटनी में अमित शाह और पन्ना में स्मृति ईरानी की सभा हुई। कटनी में सभा कर शाह ने जबलपुर सीट के मतदाताओं को भी प्रभावित करने का प्रयास किया। उन्होंने अपनी सभाओं में कांग्रेस पर परिवारवाद, भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और आइएनडीआइए गठबंधन को कोसा। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रीवा, सतना और टीकमगढ़ में मंगलवार को जनसभा को संबोधित किया। इसके पहले राजनाथ सिंह की रीवा के देवतालाब विधानसभा क्षेत्र और सतना के नागौद विधानसभा में 14 अप्रैल को सभा की थी।
नागौद में क्षत्रिय मतदाता बड़ी संख्या में हैं। इस तरह भाजपा के बड़े नेता दूसरे चरण की सभी छह सीटों पर पहुंच चुके हैं। खजुराहो लोकसभा सीट कांग्रेस ने सपा को दी थी, पर यहां से सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन पत्र निरस्त होने के बाद ‘आइएनडीआइए’ ने आल इंडिया फारवर्ड ब्लाक के प्रत्याशी आरबी प्रजापति को समर्थन तो दिया, पर कांग्रेस या सपा से कोई बड़ा नेता प्रचार के लिए नहीं पहुंचा। कांग्रेस में अब राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की ग्वालियर चंबल अंचल और मालवांचल में सभा हो सकती है।