चैत्री पूर्णिमा पर वर्धमान शक्रस्तव अभिषेक
महिदपुर। नगर में श्री शत्रुंजय आदिनाथ तीर्थधाम (किला जैन मंदिर) में चैत्री पूर्णिमा के पावन अवसर पर संप्रतिकालीन 2300 वर्ष प्राचीन आदिनाथ परमात्मा का आधि-व्याधि-उपाधि विनाशक अखंड भक्तामर एवं वर्धमान शक्रस्तव अभिषेक संपन्न हुआ. जिसमें महा प्रभावशाली भक्तामर, वर्धमान शक्रस्तव सहित अनेक स्त्रोतों के पाठ का उच्चार करते हुए सम्प्रतिकालीन 2300 वर्ष प्राचीन मूलनायक आदिनाथ परमात्मा का अखंड अभिषेक किया गया सर्वप्रथम पंचामृत से पक्षाल के पश्चात् भक्तामर, वर्धमान शक्रस्तव अभिषेक पलाश के फूलों के जल, केसर, रजत बरख, गुलाबजल एवं चन्दन के इत्र के माध्यम से किया गया । ज्ञातव्य है कि चैत्री पूर्णिमा पर श्री आदिनाथ भगवान के प्रथम गणधर श्री पुण्डरीक स्वामीजी का ५ करोड़ मुनिराज के साथ श्री शत्रुंजय गिरिराज पर मोक्ष गमन हुआ था. साथ ही इस दिन सूर्य ग्रह के अधिपति, ६ ठे तीर्थंकर श्री पद्मप्रभ स्वामीजी का केवलज्ञान कल्याणक दिवस भी है. उल्लेखनीय है कि महिदपुर में श्री शत्रुंजय आदिनाथ तीर्थधाम (किला जैन मंदिर) में संप्रतिकालीन 2300 वर्ष प्राचीन *आदिनाथ दादा की छत्रछाया में पांच-पांच महातीर्थाे की रचना के साथ विश्व में सर्वप्रथम 108 आदिनाथ भगवान* विराजित है।