महाकाल मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं से वाहन पार्किंग की अवैध वसूली जारी – 2 से 3 घंटे गाड़ी रखने वालों से 50 से 100 रुपए मांग रहे
– नहीं देने पर ठेकेदार के लोग विवाद तक करने लग जाते हैं
दैनिक अवंतिका उज्जैन। महाकाल मंदिर के बाहर कुछ ही दूरी पर वाहन पार्किंग के नाम पर श्रद्धालुओं से कुछ लोग अवैध वसूली कर रहे हैं। समस्या से परेशान श्रद्धालुओं ने बताया 2 से 3 घंटे गाड़ी रखने के नाम पर 50 सेे 100 रुपए तक वसूले जा रहे हैं। यदि पैसे नहीं दो तो ठेकेदार के लोग विवाद तक करने लगते हैं।
प्रशासन को मंदिर के बाहर आसपास के क्षेत्र में वाहन पार्किंग के नाम अवैध वसूली करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना चाहिए। महाकाल दर्शन के लिए टू-व्हीलर व फोर-व्हीलर वाहन लेकर आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर की निशुल्क पार्किंग के बारे में अधिक जानकारी नहीं होती। ऐसे में श्रद्धालु मंदिर क्षेत्र में इन वसूलीबाजों के चक्कर में फंस जाते हैं। ये लोग अवैध रूप से कहीं भी सड़क पर ही वाहन पार्क कराकर श्रद्धालुओं से वसूली कर रहे हैं।
इन स्थानों पर वाहन पार्किंग
के बोर्ड लगे पर शुल्क मर्जी का
मंदिर के आसपास 500 मीटर के कई क्षेत्रों में वाहन पार्किंग कराई जाती है। इनमें से कई वैध है तो कई अवैध। लेकिन यह भी शिकायत मिली है कि नगर निगम के भी जो वाहन पार्किंग के ठेके नृसिंह घाट, चार धाम, शिप्रा के छोटे पुल के पास, कार्तिक मेला ग्राउंड व हरिफाटक ब्रिज के पास वाहन पार्किंग है लेकिन यहां भी शुल्क के बोर्ड नहीं लगे हैं और ठेकेदार के कर्मचारी मर्जी से शुल्क वसूलते हैं। साथ ही यहां वाहन रखने की अवधि का भी उल्लेख नहीं होता है। बाद में जब श्रद्धालु वाहन लेने लौटता है तो शुल्क को लेकर विवाद की स्थिति बनती है।
दिनभर यदि वाहन रख दे
तो 200 रुपए तक वसूली
श्रद्धालु यहां पार्किंग में यदि दिनभर वाहन रख दे तो उससे ठेकेदार के लोग 200 वाहन तक वसूलते हैं। जबकि इतना शुल्क तो ठेके में भी तय नहीं हुआ होगा। बाहर से आने वाले फोर-व्हीलर के श्रद्धालु सिटी में ट्रॉफिक से बचने के लिए अपने बड़े वाहन पार्किंग में रखकर ई-रिक्शा आदि से घूमने, दर्शन करने चले जाते हैं लेकिन जब लौटते हैं तो शुल्क सुनकर परेशान हो जाते हैं। उन्हें 200 और 500 रुपए तक शुल्क बता दिया जाता है।