सीवरेज लाइन के बाद अब स्टॉप डेम टूटने से शिप्रा में मिला गंदा पानी
ॅ तीन दिन पहले ही शिप्रा में नालों का पानी मिलने को लेकर बवाल मचा था
ॅ विधायक धरने पर बैठ गए थे, दिन रात काम कर जैसे-तैसे जोड़ी थी लाइन
दैनिक अवन्तिका44 उज्जैन
सीवरेज लाइन फूटने के बाद अब स्टॉप डेम टूटने से एक बार फिर शिप्रा में गंदा पानी मिल गया। इससे शिप्रा का पानी प्रदूषित हुआ है। शिप्रा में गंदगी मिलने की लगातार घटना हो रही है। इससे आम श्रद्धालुओं से लेकर पंडे-पुजारियों व साधु-संतों में शासन-प्रशासन के प्रति गहरी नाराजगी है। शिप्रा को लेकर कई आंदोलन हो चुके हैं।
हर बार शासन योजना की बात करता है तो प्रशासन सफाई कराने की लेकिन इसका स्थाई हल आज तक नहीं निकाला जा सका है। उज्जैन की शिप्रा नदी में गंदे नालों से लेकर इंदौर की कान्ह नदी का पानी मिलने से अब तक रोका नहीं जा सका है। आए दिन शिप्रा में किसी न किसी रूप में गंदा पानी मिलने की घटनाएं हो रही है। पिछले दिनों रामघाट के पास सिवरेज का पानी सीधे बहते हुए शिप्रा में मिल रहा था। इसकी जानकारी लगने पर कांग्रेस विधायक महेश परमार ने मौके पर पहुंचकर शासन-प्रशासन का विरोध करते हुए गंदे पानी में बैठकर ही धरना दे दिया था। नदी के पानी में उतरकर उन्होंने डुबकी लगाकर स्नान भी किया था। इसे लेकर काफी बवाल मचा था। नगर निगम, पीएचई व प्रशासन के अफसरों ने दिनरात मिलकर कर्मचारियों से काम कराया और जैसे-तैसे सुधार कर पानी को रुकवाया। इसके बाद फिर त्रिवेणी घाट पर पर कान्ह नदी के पानी को रोकने के लिए बना स्टाप डेम शुक्रवार को टूट गया। जिससे इंदौर की और से आने वाला दूषित पानी शिप्रा नदी में मिल गया।
उज्जैन की जनता का जिम्मेदारों से सवाल
आखिर मैली शिप्रा कब शुद्ध होगी
उज्जैन की आम जनता जिम्मेदारों से यह सवाल कर रही है कि आखिर पवित्र नगरी की शान कही जाने वाली पुण्य सलिला लेकिन अभी मैली शिप्रा नदी कब शुद्ध होगी। अब तक इसे साफ करने में करोड़ो रुपए की योजनाएं बनी और रुपए खर्च भी किए गए। लेकिन शिप्रा को शुद्ध बनाने के काम पूर्ण नहीं हो पा रहा है। लाख कोशिश के बाद भी कान्ह नदी का दूषित पानी शिप्रा नदी को गन्दा कर रहा है। शुक्रवार को भी यहीं हुआ जब त्रिवेणी घाट पर कान्ह नदी के गंदे पानी को रोकने के लिए बना डेम टूट गया।
उज्जैन कलेक्टर बोले – डेम टूटा नहीं ओवरफ्लो हो गया
उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह ने त्रिवेणी पर डेम टूटने की खबर पर मीडिया से चर्चा में कहा कि डेम टूटा नहीं है बल्कि ओवर फ्लो हो गया है। गंदा पानी आगे नहीं निकल पा रहा था इसलिए उसे तोड़ना पड़ा ताकि पानी निकल जाए। पर्व व स्नान को देखते हुए उसे फिर से बनाने के आदेश दिए गए हैं। संबंधित विभागों की टीम इस कार्य में लगी हुई है।
मुख्यमंत्री का गृहनगर, 2028 में सिंहस्थ फिर भी यह हाल
उज्जैन की शिप्रा को लेकर लोगों में कई तरह की चर्चा है। आम लोगों का कहना है कि उज्जैन अब सामान्य शहर नहीं रह गया। यह प्रदेश के मुख्यमंत्री का गृह नगर भी है। शासन-प्रशासन को शिप्रा को लेकर गंभीरता से काम करना चाहिए। मुख्यमंत्री शुद्धिकरण को लेकर पूर्व में भी निर्देश दे चुके हैं। इसके बावजूद प्रशासन के अफसर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं। जबकि 2028 में सिंहस्थ महापर्व भी आने वाला है। इसको ध्यान में रखते हुए भी शिप्रा को लेकर अभी से बड़े काम करने होंगे तब जाकर सिंहस्थ में आने वाले लाखों-करोड़ों लोगों को नहान करा सकेंगे।