कौन बनेगा कुलपति? 200 से ज्यादा आवेदन, राजभवन की दौड़ शुरू
कुलपति पद के लिए करीब 35 नाम इंदौर से, मतगणना के बाद शुरू होगी प्रक्रिया
इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. रेणु जैन का कार्यकाल जुलाई में पूरा होने वाला है। ऐसे में राजभवन ने नए कुलपति की तलाश शुरू कर दी है। कुलपति बनने के लिए इच्छुक उम्मीदवारों के आवेदन मांगे गए थे। यह प्रक्रिया गुरूवार को पूरी हो गई है। कुलपति पद के लिए 200 से ज्यादा आवेदन आए है, जिसमें पूर्व प्राचार्य, वरिष्ठ प्राध्यापकख् अधिकारियों और विभागाध्यक्षों के नाम भी शामिल है। आगे की प्रक्रिया के लिए समिति बनाई जाएगी। यह काम मतगणना के बाद ही शुरू होगा।
डॉ. रेणु जैन को जून 2019 में विश्वविद्यालय की कमान सौंपी गई थी। इस साल जुलाई-अगस्त के बीच उनका कार्यकाल पूरा हो रहा है। इसको देखते हुए राजभवन ने फरवरी में कुलपति पद के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसके लिए 200 से ज्यादा उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। इनमें 30 से 35 नाम सिर्फ इंदौर से हैं।
ये नाम आए सामनेकुलपति पद के लिए रेक्टर डॉ. आशुतोष मिश्रा, पूर्व कार्यपरिषद सदस्य डॉ. मंगल मिश्र, यूजीसी के पूर्व सचिव डॉ. रजनीश जैन, होलकर साइंस कॉलेज में प्रिंसिपल और पूर्व अतिरिक्त संचालक डॉ. सुरेश सिलावट, डीसीडीसी डॉ. राजीव दीक्षित डॉ. सचिन शर्मा, डॉ. अशोक सचदेवा, स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के एचओडी डॉ. कन्हैया आहूजा का नाम इस लिस्ट में शामिल है। इसके अलावा शासकीय कॉलेजों के कुछ प्रोफेसर्स और यूटीडी के ही सीनियर्स प्रोफेसर्स ने भी आवेदन किया है।
राजभवन की दौड़ शुरू —
इधर, कुलपति की रेस में डॉ. आशुतोष मिश्रा का नाम सबसे आगे चल रहा है। वहीं, अन्य जो नाम सामने आए है, उनमें से अधिक्तर संघ से जुड़े हुए है। कुलपति बनने के लिए आवेदनकर्ताओं ने राजभवन की दौड़ लगाना शुरू कर दिया है। विश्वविद्यालय की कुर्सी किसे हासिल होगी, इसके लिए सितंबर तक इंतजार करना होगा।
कमेटी करेगी आगे की प्रक्रिया —
कुलपति पद के लिए आए आवेदनों की स्क्रूटनी होगी। इसके लिए तीन सदस्ययीय कमेटी गठित होगी, जिसमें राजभ्वन, उच्च शिक्षा विभाग और यूजीसी का एक-एक सदस्य होगा। यह कमेटी आवेदनों को छांटेगी, जिसके बाद साक्षात्कार आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान कुछ प्रेजेंटेशन भी होंगे। इनके आधार पर पांच नाम राजभवन भेजे जाएंगे, जिसमें से एक नाम पर राज्यपाल सहमति जताएंगे और वह डीएवीवी का कुलपति बनेगा।