इत्र कारोबार का ‘P’ फैक्टर: पीयूष के बाद पुष्पराज के घर छापा, जानें कैसे दोनों पड़ोसी बने धनकुबेर
कानपुर। यूपी की औद्योगिक नगरी कानपुर और इत्र की खुशबू के लिए मशहूर कन्नौज इन दिनों अपने उद्योग धंधों के लिए नहीं, बल्कि इत्र कारोबारियों पर छापों को लेकर चर्चा में हैं। इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर 197 करोड़ रुपए कैश की बरामदगी के बाद अब एक और इत्र कारोबारी पुष्पराज जैन के घर छापा पड़ गया है। पीयूष जैन के घर छापा पड़ते ही भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया। शुरुआती मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि समाजवादी इत्र लॉन्च करने वाले कारोबारी के घर कैश की बरामदगी हुई है, लेकिन जल्द ही साफ हो गया कि यह दूसरे पी जैन हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी चुटकी लेते हुए कहा कि बीजेपी ने गलती से पुष्पराज जैन की जगह पीयूष जैन के घर छापा मरवा दिया। आइए हम आपको बताते हैं दोनों पी जैन की पूरी कहानी।
पीयूष जैन और पी जैन के बीच कई समानताएं हैं। दोनों की शुरुआत पी से होती है तो सरनेम जैन है। दोनों कन्नौज के एक ही मोहल्ले के रहने वाले हैं। दोनों ही इत्र कारोबार से जुड़े हुए हैं। दोनों ने ही इत्र कारोबार से अकूत संपत्ति बनाई और अब दोनों के ही घर छापा भी पड़ चुका है। इतना ही नहीं अब दोनों ही यूपी विधानसभा चुनाव में एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन चुके हैं।
पहले बात पीयूष जैन की
पीयूष जैन खुद को साधारण व्यक्ति दिखाने वाले ऐसे कारोबारी थे, जिनकी संपत्ति करीब एक हजार करोड़ रुपए आंकी जा रही है। 50 वर्षीय यह कारोबारी कानपुर और कन्नौज में बाइक पर ही घूमते दिखते थे। कन्नौज में पीयूष जैन को जानने वाले लोग बताते हैं कि कभी पीयूष अपने छोटे भाई अंबरीश के साथ कन्नौज के जैन स्ट्रीट से पारिवारिक कारोबार संभाला करते थे। करीब दो दशक पहले पीयूष परिवार के साथ कानपुर चले गए। यहां उन्होंने अपने घर से ही इत्र का कारोबार शुरू किया। भाई को इस कारोबार में तरक्की करते देख अंबरीश भी कानपुर चले गए।