शहर की सुरक्षा में होम स्टे का सुराख

 

-बगैर पुख्ता पहचान के रोके जा  रहे यात्री पुलिस चुनावी कार्य में व्यस्त

उज्जैन।महाकाल लोक के पर्यटन मैप पर आ जाने के बाद से शहर की सुरक्षा में होम स्टे वालों ने सुराख कर दिया है। जिला दंडाधिकारी के आदेश के विरूद्ध बगैर पुख्ता पहचान पत्र के देश के विभिन्न क्षेत्रों से यात्रियों को होम स्टे में रोका जा रहा है। मात्र 500 रूपए के लिए शहर की सुरक्षा को दांव पर लगाया जा रहा है। होटलों पर तो पुलिस की सख्ती हो गई है लेकिन होम स्टे का नया  झंझट सामने है।

गर्मी की छुट्टियों के आते ही पर्यटकों की संख्या में इजाफा होना शुरू हो गया है। मई माह में यह संख्या बूम के स्तर पर आएगी। देश भर में ही 30 अप्रेल से स्कूली बच्चों की छुट्टियां पड रही है। ऐसे में मई में महाकाल लोक एवं महाकाल दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं का बूम आना तय है। अभी ही यह हाल होना शुरू हो गए हैं कि शनिवार , रविवार और सोमवार को आकस्मिक आने वालों को होटल तलाशना पड रहे हैं। ऐसे में होम स्टे का सहारा भी लिया जा रहा है।

जिला दंडाधिकारी नीरज कुमार सिंह ने सुरक्षा की दृष्टि से धारा 144 में आदेश पारित किया है कि होटलों,यात्रीगृह,धर्मशालाओं और पेईगेस्ट हाउस में बगैर पुखता पहचान पत्र के यात्रियों को रूकने की अनुमति न दी जाए। अगर कोई संचालक बगैर पहचान पत्र के यात्रियों को रूकने की अनुमति देता है तो ऐसे में उसके विरूद्ध धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज कर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। इस आदेश के बावजूद शहर में स्थित निजी होटल,यात्रीगृह,होम स्टे आदि में बराबर ऐसे यात्रियों को रोका जा रहा है। महाकाल लोक के बन जाने के बाद शहर में पर्यटकों की संख्या में तीन गूना इजाफा हुआ है। ऐसे में शहर की सुरक्षा को लेकर पुलिस का सिरदर्द बरकरार है।

होटलों पर प्रकरण , होम स्टे वाले बचे हुए-

थाना क्षेत्रों में स्थित होटलों पर तो पुलिस की जांच होती रहती है। इसके तहत बराबर नियमों का उल्लंघन करने पर प्रकरण दर्ज किए जा रहे हैं। इसके विपरित होम स्टे करवाने वाले लोग पुलिस को जानकारी देने से बच रहे हैं । नए नए होम स्टे तैयार हो रहे हैं। ऐसा नहीं है कि यह महाकाल क्षेत्र में ही हैं। शहर की कुछ कालोंनियों में बने बडे मकानों में भी होम स्टे करवाए जा रहे हैं। इसकी जानकारी न तो संबंधित थाना पुलिस को है और न ही होम स्टे संचालक ही इसकी सूचना देते हैं। इसके चलते वे बराबर बचे हुए हैं। पुलिस की सतर्कता एवं सतत कार्रवाई होने के बावजूद होम स्टे संचालक कानून तोडते हुए शहर की सुरक्षा में सुराख करने में लगे हैं।

खुफिया तंत्र सक्रिय,प्रकरण दर्ज होंगे- एएसपी राठौड

एएसपी शहर जयंत सिंह राठौड बताते हैं कि होम स्टे का पंजीयन करवाना अनिवार्य है। अगर किसी ने पंजीयन नहीं करवाया है तो वे तत्काल ही पंजीयन करवा लें। उज्जैन पुलिस इस मामले में एडवायजरी जारी कर रही है। समझाईश भी बराबर दी जा रही है। हमने हमारा खुफिया तंत्र एवं मुखबिर सक्रिय किए हैं। शहर की विभिन्न कालोनियों के मकानों में चलाए जा रहे होम स्टे की जानकारी जुटाई जा रही है। अब पुलिस ऐसे होम स्टे पर जांच कर प्रकरण दर्ज करने की तैयारी कर रही है। होम स्टे संचालक भी संबंधित थाना पुलिस को जानकारी देने के लिए बाध्य हैं।