कुलगुरू बोले नई गाइडलाइन के आधार पर कोचिंग सेंटर को पहचान मिलना जरूरी
-कोचिंग विनियमन पर प्रदेश में पहली बैठक विक्रम विश्व विद्यालय में हुई,बिंदुवार चर्चा हुई
उज्जैन। कोचिंग विनियमन को लेकर प्रदेश में पहली बैठक विक्रम विश्व विद्यालय में कुलगुरू प्रोफेसर अखिलेश पांडे की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई है। कार्यपरिषद कक्ष में हुई बैठक में जारी दिशा-निर्देशों के संबंध में नगर के विभिन्न कोचिंग सेंटर के संचालकों के साथ बैठक हुई। बैठक में कोचिंग सेंटर के लिए जारी गाइडलाइन के विभिन्न निर्देशों पर विचार विमर्श हुआ।
कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में शिक्षा के परिदृश्य में नई संभावनाएं उजागर हो रही हैं। इस दौर में कोचिंग सेंटर्स की भूमिका पर गम्भीरता से विचार के साथ उनके संचालन से जुड़ी गाइडलाइन जारी की गई है। ऐसे में गाइडलाइन के आधार पर कोचिंग सेंटर को पहचान मिले यह जरूरी है। अध्ययन क्षेत्र के चयन से लेकर अध्यापन तक विद्यार्थियों और पालकों के लिए विशेष मार्गदर्शन की आवश्यकता है।
कुलसचिव डॉक्टर अनिल कुमार शर्मा ने भारत सरकार, उच्च शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा कोचिंग सेंटर के विनियमन के लिए जारी दिशा-निर्देशों का परिचय देते हुए कहा कि वर्तमान में असंगठित क्षेत्र में कोचिंग सेंटर दिखाई दे रहे हैं। यह गाइडलाइन आने वाले समय में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। कार्यपरिषद सदस्य वरुण गुप्ता ने कहा कि गाइडलाइन के माध्यम से कोचिंग सेंटर की व्यवस्थाओं को गरिमा प्राप्त होगी। गाइडलाइंस के माध्यम से जो अधिनियम तैयार होगा, उसमें सभी लोग सहभागी बनें। कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि कोचिंग सेंटर से जुड़ी हुई गाइडलाइन बहुत बड़ी संख्या में शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े विद्यार्थी, पालक और शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। बैठक के अंत में आभार डीएसडब्ल्यू प्रोफेसर सत्येंद्र किशोर मिश्रा ने माना।
ये भी थे बैठक में-
बैठक में डीएसडब्ल्यू प्रोफेसर सत्येंद्र किशोर मिश्रा, कल्याण शिवहरे, जी एल परमार, अजय जागरी, प्रवीण देवलेकर, ललित जैन, योगेंद्र पोरवाल, सुश्री कीर्ति सक्सेना, राकेश पण्ड्या, पंकज चांदोरकर, आनंदी कुमार तिवारी आदि सहित विभिन्न कोचिंग सेंटर्स के संचालक एवं शिक्षकगण उपस्थित थे।