मऊ में अजमेरी मंसूरी समाज के शादी सम्मेलन 46 जोड़ों ने कुबूल किया निकाह, मौलाना शफीक ने दी समझाइश
सारंगपुर। मियाँ बीवी के बीच पुर सुकून माहौल होना चाहिये जो आपसी भरोसे और आपसी समझ के बिना मुमकिन नहीं है। आपसी भरोसा और आपसी समझ बिना आपसी मोहब्बत के कायम नहीं रह सकते। आपसी मोहब्बत कायम रखने के लिये जरूरी है कि एक दूसरे के साथ शफकत और मेहरबानी का सुलूक किया जाये।
एक दूसरे की कोतहियों को माफ किया जाये। इन तीन बिंदुओ को पूरा करने पर ही ये उम्मीद की जा सकती है कि हमारी घरेलू जिंदगी अमन और सुकून का गहवारा बन जाये। यह समझाइश मऊ में आयोजित अमजेरी मंसूरी समाज के शादी सम्मेलन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए मौलाना मुफ्ती शफीक साहब फलाही ने निकाह बंधन में बंधे समाज के 46 जोड़ो को दी। उन्होंने हदीस का हवाला देते हुए नवविवाहितों संबोधित किया और कहा कि अब्दुल्ला इब्न मसूद से वर्णित है कि अल्लाह के नबी ने युवाओं के एक समूह को संबोधित करते हुए कहा, हे युवाओं, तुम में से जो लोग पत्नी का भरण-पोषण करने का साधन रखते हैं शादी कर लेनी चाहिए, क्योंकि शादी आपकी आंखों को बुरी नजर से बचाने का एक साधन है और आपको अनैतिकता से बचाती है। हालांकि, अगर कोई शादी की वित्तीय जिम्मेदारियों को उठाने में असमर्थ है, तो उन्हें उपवास करना चाहिए, क्योंकि उपवास किसी को नियंत्रित करने में सहायता करता है। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रुप में अम्रता राय सिंह, नप पचोर अध्यक्ष विकास करोडिया, पूर्व विधायक कृष्णमोहन मालवीय, पूर्व जपं अध्यक्ष नंदलाल नागर, पूर्व जिपं अध्यक्ष मीना मालवीय सहित अन्य उपस्थित थे।