मंडल रेल प्रबंधक मैदान में उतरे, जांची नब्ज
-संरक्षा, सुरक्षा, अधोसंरचनात्मक विकास के साथ ही यात्री सुविधाओं को जांचा
उज्जैन। ग्रीष्म में बडे यात्री भार और उनके लिए अतिरिक्त ट्रेनों के संचालन के साथ ही रेलवे स्टेशनों पर संरक्षा,सुरक्षा, यात्री सुविधाओं को मंडल स्तर के अधिकारी जांच रहे हैं। इसी रतलाम मंडल रेल प्रबंधक ने स्टेशनों पर जाकर देखा है और मातहतों को कमियों को सुधारने के निर्देश दिए हैं।
जनसंपर्क अधिकारी-रतलाम मंडल खेमराज मीना ने बताया कि मंडल रेल प्रबंधक रतलाम राजनीश कुमार ने मंगलवार को नागदा एवं खाचरोद स्टेशनों का गहन निरीक्षण किया । नागदा एवं खाचरोद स्टेशनों विकास अमृत स्टेशन योजना के तहत किया जा रहा है। इसके तहत किये जा रहे यात्री सुविधा के साथ ही साथ सर्कुलेटिंग एरिया के विकास कार्यों का जायजा लिया गया। निरीक्षण के दौरान ट्रेन परिचालन, संरक्षा एवम सुरक्षा से जुड़े पहलुओं की भी जांच की गई। निरीक्षण के दौरान जहां अच्छे कार्यों की सराहना की गई वहीं कमियों को यथा शीघ्र सुधार करने हेतु संबंधित अधिकारियों एवम पर्यवेक्षकों को निर्देशित किया गया। निरीक्षण के दौरान वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक, वरिष्ठ मंडल संकेत एवम दूर संचार इंजीनियर(कार्य), वरिष्ठ मंडल बिजली इंजीनियर(पावर), वरिष्ठ मंडल इंजीनियर(पश्चिम) सहित अन्य अधिकारी एवम कर्मचारी उपस्थित रहे।
महिला यात्री की जान बची-
रेलवे के कर्मयोगी अपने कार्यों के साथ सजगता एवं सतर्कता एवं मानव सेवा रेल प्रशासन के प्रति विश्वास को बढा रहे है। इसी क्रम में सोमवार को गाड़ी संख्या 19315 इंदौर असारवा ट्रेन के एस-3 कोच के सीट क्रमांक 48 पर मेघा नाम की लड़की उज्जैन से हिम्मतनगर तक यात्रा कर रही थी। इस लड़की द्वारा रात्रि 23.53 बजे रेल मदद के माध्यम से वणिज्य कंट्रोल को सांस में तकलीफ के बारे में मैसेज किया । गाड़ी नीमच पहुँचने वाली थी। इसकी सूचना तत्काल ऑन ड्यूटी स्टेशन मास्टर नीमच को दी गई। उस दिन रात्रि ड्यूटी में रामेश्वर मीना सीसीटीई के पद पर कार्यरत थे । सूचना पर वे गाडी आने वाले प्लेटफॉर्म क्रमांक 2 पर गए। गाड़ी के नीमच पहुँचने तक यात्री अचेत हो गयी थी। अन्य यात्रियों एवं स्टाफ की सहायता से संबधित महिला यात्री को कोच से बाहर निकालकर उसे
4-5 बार सीपीआर दिया गया तो लड़की होश में आई । इस समयावधि में एम्बुलेंस बुलाकर तत्काल यात्री को जिला चिकित्सालय नीमच भेजा गया।
घर से भागी बच्चियों को घर पहुंचाया-
रेलवे के कर्मयोगी अपने कार्यों के साथ सजगता एवं सतर्कता एवं मानव सेवा रेल प्रशासन के प्रति विश्वास को बढा रहे है। इसका एक जीवंत उदाहरण है मंगलवार को बामनिया स्टेशन पर घटित घटना । सुनील कुमार बुकिंग क्लर्क के रुप में अपना कार्य कर रहे थे। लगभग 09.30 बजे तीन नाबालिक लड़कियॉं मुम्बई जाने के लिए टिकट की मांग की। लड़कियों के हाव-भाव कुछ अलग लगे तथा उनके साथ कोई वयस्क यात्री भी नहीं था तो शक होने पर उन्हें स्टेशन मास्टर कार्यालय में बुलाकर बात की तथा लड़कियों से घर का मोबाइल नम्बर लेकर उनके परिवार से बात की तो पता चला कि वो तीनों बीना घर में बताए भागी है और लड़किंयॉं मुम्बई जा रही है इसकी कोई जानकारी नहीं है। तीनों लड़कियों को रेलवे सुरक्षा बल के हवाले कर दिया गया तथा उनके परिवार के आने पर उन्हें सुपुर्द कर दिया गया। सुनील कुमार, बुकिंग क्लर्क/बामनिया के द्वारा किए गए सूझबूझ पूर्ण कार्य के कारण एक संभावित अप्रिय घटना को रोकी जा सकी।