मंदिर एक्ट के लिए पंडे–पुजारियों से लिए जाए सुझाव, हजारों वर्षों से की है सुरक्षा : महेश पुजारी

उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर सहित उज्जैन के प्रमुख मंदिरों को लेकर नया मंदिर एक्ट बनाने की तैयारिया चल रही है, जिसे लेकर उज्जैन जिला प्रशासन अपने स्तर पर सुझाव ले रहा है। वही मंदिर के पुजारियों की मांग है कि एक्ट तैयार करने से पहले मंदिर के पंडे–पुजारियों से सुझाव लिए जाए, जिससे हजारों साल पुरानी परपंरा का संचालन सुचारू रूप से आगे भी हो सकेगा।

जब से उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के साथ-साथ प्रमुख मंदिरों को लेकर नए एक्ट बनने की चर्चा सामने आई है तब से शहर के प्रमुख मंदिर के गलियारों में यह चर्चा हो रही है कि क्यों ना इस एक्ट को तैयार करने से पहले पंडे–पुजारियों की सलाह ली जाए, यह चर्चा कोई और नही बल्कि मंदिर के पंडे–पुजारी कर रहे है। इस पूरे मामले को लेकर महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के पूर्व सदस्य और अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पुजारी का कहना है कि हम यह जानकारी मिली है कि महाकालेश्वर मंदिर सहित उज्जैन शहर के प्रमुख मंदिरों को लेकर नया मंदिर एक्ट तैयार किया जा रहा है। इस एक्ट में नई व्यवस्था के साथ हो सकता है ट्रस्ट के द्वारा मंदिर का संचालन किया जाए। लेकिन हमारी यह मांग है कि इस एक्ट को तैयार करने से पहले मंदिर के पंडे–पुजारियों से सुझाव लेना जरूरी है। क्योंकि जब–जब सरकार ने आधिकारिक तौर पर मंदिर एक्ट तैयार करवाए हैं तब–तब वर्षों पुरानी परंपरा टूटी है।

 

सुरक्षा करते आ रहे हैं पुजारी

महेश पुजारी का यह भी कहना है कि आप हजारों वर्ष पुराना इतिहास उठाकर देख लीजिए, मंदिर की सुरक्षा हमेशा पुजारियों और उनके परिवार ने की है। इसकी एक वजह यह भी है कि मंदिर में सेवा कर पुजारी अपने परिवार का पालन पोषण करता आया है। आज जब मंदिर आबाद हो गए है तब सरकार अपना रुख इस तरह से रख रही है।