मामला पुलिस कस्टडी में आरोपी की मौत का पोस्टमार्टम के दौरान मृतक के पेट में पाया गया जहरीला पदार्थ!

उज्जैन। चोरी के मामले को लेकर हिरासत में आने के बाद आरोपित की तबीयत बिगड़ने और उपचार के दौरान मौत होने की पुष्टि करते हुए बुधवार रात पुलिस ने बताया था कि उसकी हार्ट बीट बढ़ गई थी और शुगर लेवल भी अधिक था। लेकिन गुरूवार को पोस्टमार्टम होने के बाद शुक्रवार को चौकाने वाली जानकारी सामने आई। डॉक्टरों को पोस्टमार्टम के दौरान मृतक के पेट में जहरीले पदार्थ के अंश होना मिले है। जिसके चलते उसकी मौत होना सामने आ रहा है। एएसपी गुरुप्रसाद पाराशर ने बुधवार रात मीडिया को बताया था इंदौर के तुलसीनगर में रहने वाले राधेश्याम पिता घीसाराम शर्मा 60 वर्ष को 2 लाख रूपये नगद चोरी के मामले में क्राइम टीम द्वारा इंदौर से हिरासत में लिया था। जिसे उज्जैन लाते समय रास्ते में तबीयत बिगड़ने के बाद शासकीय माधवनगर अस्पताल में भर्ती किया गया था। जहां उसकी मौत हो गई। मामले में ज्यूडिशल जांच के आदेश दिये गये है। गुरुवार को माधवनगर सीएसपी दीपका शिंदे, टीआई राकेश भारती की मौजूदगी में तीन डॉ.ं कपिल वर्मा, डॉ. मोहन पंडित और डॉ. अदिति की पैनल से मृतक का पोस्टमार्टम कराया। शुक्रवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जानकारी सामने आने पर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. पीएम वर्मा ने चौकाने वाली बात बताई। उनका कहना था कि पोस्टमार्टम के दौरान मृतक के पेट में जहरीला पदार्थ पाया गया है। अब पुलिस विभाग ने मामले की नए सिरे से जांच शुरू कर दी है। वही ज्यूडिशियल जांच भी जारी है। जानकारी सामने आई है कि चोरी के आरोपित को गिरफ्तार करने के लिये क्राइम ब्रांच की 6 सदस्यीय टीम इंदौर पहुंची थी, आरोपित को हिरासत में लेकर उज्जैन आ रहे थे, उसी दौरान उसकी तबीयत बिगड़ी है। जब वह पुलिस की हिरासत में था तो उसके पास जहर कहां से आया यह बड़ा सवाल खड़ा हुआ है। अगर आरोपित ने खुद जहरीला पदार्थ खाया तो पुलिसकर्मी उस वक्त क्या कर रहे थे। उसे तत्काल समीप के अस्पताल क्यों नहीं लेकर गये। उज्जैन तक क्यों लगाया गया। वैसे यह कहा जा रहा है कि पीएम रिपोर्ट शार्ट है। बिसरा कलेक्ट किया गया है, जिसे जांच के लिये प्रयोगशाला भेजा जा रहा है। लेकिन मृतक के पेट में जहर मिलना ही पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है। जिसका खुलासा जांच पूरी होने के बाद ही हो पायेगा। रिमांड पर चल रहे बाबू की बिगड़ी तबीयत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के नाम फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्लाट का आवंटन करने के मामले में 12 साल चली जांच के बाद पिछले दिनों माधवनगर थाना पुलिस ने विकास प्राधिकरण के बाबू प्रवीण गेहलोत और सर्विस प्रोवाइडर आशीष अग्रवाल के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया था। सर्विस प्रोवाइडर का रिमांड खत्म होने पर जेल भेज दिया गया था। बाबू प्रवीण की रिमांड अवधि बढ़वाई गई थी। जिसे शनिवार को न्यायालय में पेश करना है। उससे पहले प्रवीण की तबीयत बिगड़ गई। उसे गुरूवार-शुक्रवार रात उपचार के लिये जिला अस्पताल में भर्ती किया गया। टीआई राकेश भारती ने बताया कि बीपी बढ़ने के बाद भर्ती किया गया है। हालत में सुधार है, शनिवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा।