इंदौर नगर निगम में सवा सौ करोड़ का घोटाला— निगम इंजीनियर पर ही लग रही तोहमत, बड़े खिलाड़ी तो अभी भी बचे हुए

 

इंदौर। सवा सौ करोड़ के फर्जी बिल कांड में इंदौर नगर निगम का इंजीनियर अभय राठौर मोहरा बना हुआ है। इस तरह प्रकट किया जा रहा है मानो सिर्फ उसी ने यह सारा खेल किया हो। माना जा रहा है कि यह एक दो लोगों का नहीं बल्कि घोटालेबाजों की बड़ी गैंग है। फिलहाल बड़े खिलाड़ी बचे हुए हैं।
मध्यप्रदेश के पुर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ओर इंदौर की पूर्व महापौर के कार्यकाल में निगम में ड्रेनेज विभाग में फर्जी बिल कांड जो लगभग सौ करोड़ के आसपास काम हुआ ही नहीं और फर्जी बिल पास हो गए। मामले में पूर्व निगमायुक्त की भूमिका से भी जांच का विषय है। इसके अलावा भी ऐसे कई बड़े अफसर हैं जो फिलहाल नगर निगम से रवाना हो चुके हैं, उन पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे है! अब तक इस घोटाले में किसी भी बड़े अफसर पर गाज नहीं गिरी, जबकि बिलों के भुगतान पर बड़े जिम्मेदारों तक के नोटशीट पर हस्ताक्षर होते है। सूत्रों का तो यहाँ तक कहना है कि इंजीनियर अभय राठौर को इस मामले में आज नही तो कल क्लीन चिट मिल जायेगी।

16 करोड़ तो सिर्फ नगर निगम अफसर में बंटे

इंदौर नगर निगम के फर्जी बिल घोटाले में पुलिस द्वारा जब्त 36 फाइलों की जांच में करीब 24 करोड़ के घपले के सबूत मिले हैं। निगम अफसरों और आरोपियों के बीच हुए बैंक ट्रांजेक्शन के आधार पर दावा है कि इस राशि में से 16 करोड़ सिर्फ निगम अफसरों में बंटे हैं। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ठेकेदार ने भी यही बात दोहराई कि उसे बमुश्किल सात कराेड़ मिले हैं।इंदौर नगर निगम के बिल घोटाले पर आरोपियों से पुलिस की पूछताछ जारी है। दस्तावेजी परीक्षण भी जारी है।