विभाग की अनदेखी: सड़क किनारे रोपे गए पौधे सूखे, ट्री-गार्ड भी हो गए क्षतिग्रस्त
सारंगपुर। सड़क निर्माण करते समय छायादार हरे भरे पेडों को विकास के नाम पर काट कर अलग कर दिए जाते है। इन काटे गए पेडों के एवज में सडक निर्माण होने के बाद नए सिरे से छायादार पौधे लगाने का कार्य अवश्य किया जाता है वह नाम मात्र का होता है। वही नए पौधे पनप ही नहीं पाते हैं और वह देख-रेख के अभाव में दम तोड देते हैं और उनकी सुरक्षा में बनाए गए ईंट के ट्री गार्ड पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।
सरकारी और गैर सरकारी संस्था पौधारोपण को लेकर मुहिम तो छेडती है लेकिन उनके द्वारा लगाए गए पौधो की देखरेख संस्थाएं नहीं कर पाती है। इसी का एक उदाहरण है सारंगपुर में बिलोदा बायपास के करीब पुराने एबी रोड पर करीब दो से ढाई वर्ष पूर्व नपा द्वारा रोपित पौधों की यही स्थिति देखने मिल रही है। यहां पर करीब तीन दर्जन से से भी अधिक तादाद में सड़क किनारे दोनों ओर छायादार व फलदार पौधे रोपित करने का कार्य नगरपालिका प्रशासन ने हजारों रुपये खर्च कर दिया गया था। इन पौधों की सुरक्षा के लिए सीमेंटेड ट्री गार्ड लगाने का कार्य किया गया था। अधिकांश ट्री गार्ड धराशायी हो गए हैं। वहीं उनके अंदर के पौधों में पानी न मिलने से और ट्री-गार्ड छोटे होने से पशु की चपेट में आने से सूखकर दम तोड़ चुके है। जिस मकसद से उक्त सड़क किनारे पौधे रोपित करके उनकी सुरक्षा में राशि खर्च की गई थी। वह पूरी तरह से पानी में बह गई है। यदि इन पौधों की कुछ समय तक देख-रेख की जाती तो रोपित किए गए पौधे पनप कर बडे हो जाते। इस संबंध में हमने पर्यावरण प्रेमी एनके सोनी एवं एलएन त्रिकार से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि पौधो को रोपित करने के बाद उनकी देखरेख सबसे ज्यादा जरुरी है। बायपास के पास पुराने एबी रोड पर लगाए गए पौधे के ट्री-गार्ड अपेक्षाकृत लंबाई में छोटे थे इसके कारण इनमें लगे पौधे बड़े नहीं हो पा रहे है क्योंकि सीमेंट की जाली से पौधो के बाहर निकलने पर पशु इन्हें खा जाते है और वह बड़े नहीं हो पाते है। पर्यावरण प्रेमी दल ने इनमें से कई पौधो की सुरक्षा के लिए ट्री-गार्ड के ऊपर कांटे दार लकडियां रखकर उन्हें सुरक्षित करने का प्रयास किया है।