महाकाल मंदिर में बारिश के लिए सोमयज्ञ शुरू
– गाय व बकरी के दूध के साथ अनेकों औषधियों से डाली जाएगी आहुतियां
दैनिक अवंतिका उज्जैन।
महाकाल मंदिर में शनिवार से बारिश के लिए सोम यज्ञ शुरू हो गया। मंदिर प्रबंध समिति द्वारा छह दिनों यह यज्ञ अनुष्ठान किया जाएगा।
यज्ञ में गाय व बकरी के दूध के साथ ही अनेकों प्रकार की औषधियों से आहुतियां डाली जाएगी। इसके लिए गाय व बकरी की व्यवस्था भी यज्ञ स्थल पर की गई है।यज्ञ महाराष्ट्र के सोलापुर के कासारवाडी तालुका बर्शी से आए विद्वान पं. चैतन्य नारायण काले के मार्गदर्शन में कई ब्राह्मण संपन्न करेंगे। पंडित काले ने जानकारी देते हुए बताया सोमयज्ञ में चारों वेदों के विद्वान ब्राह्मण भाग ले रहे हैं। इसमें 16 ऋत्विक के साथ एक अग्निहोत्री दीक्षित दम्पत्ति यजमान के रूप में समाज के प्रतिनिधि स्वरूप सम्मिलित होंगे।
पहले दिन गर्भगृह में की गई पूजा
सोम यज्ञ के पहले दिन प्रारंभ में भगवान महाकाल के गर्भगृह में जाकर विद्वान ब्राह्मणों ने पूजा-अर्चना की। इसके पश्चात यज्ञशाला में विभिन्न प्रकार की विधि करने के बाद अरणी मंथन की प्रक्रिया से अग्नि प्रज्वलित कर हवन आरंभ किया गया।
5 हजार वर्ष पुरानी परंपरा सोम
वल्ली वनस्पति के रस से आहुति
– सोमयज्ञ 5 हजार वर्ष प्राचीन पद्धति से किया जा रहा है।
– इसमें वनस्पति सोमवल्ली का रस निकाल कर हवि रूप में प्रयोग करेंगे।
– इसी वनस्पति सोमवल्ली के नाम पर इस यज्ञ का नाम सोम यज्ञ पड़ा।
– यह वनस्पति पहाड़ों पर होती है जिसे वैदिक मंत्रों से एकत्र कर लाया जाता है।
– सोमयज्ञ के विहार स्थल पर बैलगाडी के नीचे इसको कूटकर रस निकालते हैं।
– इसलिए यज्ञ स्थल पर एक बैलगाड़ी भी बनाई गई है।
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