रात 3 बजे डीआईजी ने आगर रोड पर मोर्चा संभाला
-पंचक्रोशी यात्रियों का जत्था तीन पडाव पर ,सबसे बडा जत्था उंडासा पहुंचा
-यात्रियों की तादात से आगर रोड को एक तरफा चलाना पडा,वाहनों को रोक-रोक कर यात्रियों को निकाला
उज्जैन। धार्मिक आस्था की यात्रा अब अपने अंतिम पडाव की और है। यात्रा के वर्तमान में तीन पडाव चल रहे हैं। सबसे आगे की और चल रहा हजारों यात्रियों का जत्था सोमवार तडके जैथल स्थिति दुर्देश्वर महादेव के दर्शन कर उंडासा पहुंच गया है। रात तीन बजे यात्रियों की व्यवस्था को देखने निकले डीआईजी नवनीत कोठारी को सडक पर मोर्चा संभालना पडा । उनके साथ पुलिस टीम भी जुटी रही।
रविवार –सोमवार दरमियानी रात को जैथल पडाव के हाल यह थे की दुर्देश्वर महादेव मंदिर से एक किलोमीटर क्षेत्र पुरी तरह से यात्रियों से भरा पडा था। तडके हजारों यात्रियों के जत्थे ने दर्शन पूजन उपरांत यहां से उंडासा पडाव के लिए कूच कर दिया। जैथल टेक पर इंदौर कोटा मार्ग तिराहा पर पुलिस को वाहनों के काफिले को रोकना पडा और यात्रियों को सुरक्षित निकालने की मशक्कत करना पडी। इंदौर कोटा मार्ग के एक हिस्से पर यात्रियों का कब्जा था और दुसरे हिस्से से वाहनों के आवागमन को जारी रखना पडा। वाहनों को रोक रोक कर छोडा जा रहा था। यह क्रम करीब 3 घंटे से अधिक समय तक पुलिस को जारी रखना पडा।
डीआईजी,गनमेन,ड्रायवर सभी व्यवस्था में उतरे-
इंदौर – कोटा मार्ग पर आगर से उज्जैन की लेन को यात्रियों के लिए सुरक्षित कर दिया गया था। उज्जैन से आगर की लेन को वाहनों के लिए किया गया था। हजारों यात्रियों की आमद और जत्थों का अनवरत सडक पर रहना और उन्हें सुरक्षित यात्रा मार्ग देने के लिए डीआईजी नवनीत कोठारी खूद ही अपने ड्रायवर राजेश सोनी एवं गनमेन सहित आगर रोड पर रात तीन बजे आ पहुंचे। जैथल टेक पर स्थानीय पुलिस,यातायात जवान और एक डीएसपी व्यवस्था को संभाले थे। इससे दो किलोमीटर आगे उंडासा मोड के यहां पर डीआईजी ने मोर्चा संभाल लिया । स्टाफ सहित खूद ही उज्जैन से आगर वाली लेन पर वाहनों को व्यवस्थित चालन के लिए मोर्चा लेते रहे। वाहन चालकों को बराबर एक और चलने के लिए और यात्रियों को उनकी लेन में ही आगे बढते रहने के लिए प्रेरित करते रहे।
सहायता वाहन गायब,पत्रकार दल की मदद-
पंचक्रोशी यात्रा में बडी संख्या में बुजुर्ग शामिल हैं। इनकी सहायता के लिए जत्थों के साथ चलने वाले सहायता वाहन एंबुलेंस रात में पुरी तरह से गायब देखे गए। यात्रियों के जत्थों के पीछे –पीछे चलना और मार्ग में सहायता के लिए इन्हें खडे करने की बजाय एक स्थान पर खडा कर दिया गया था। इनसे संबंधित स्टाफ भी उनींदा ही देखा गया। ऐसे में आधे रास्ते में निढाल होने वाले बुजुर्गों की मदद और उनकी स्वास्थ्य की चिंता लेने वाला कोई नहीं था। सोमवार तडके दुर्देश्वर महादेव से चले भोपाल के यात्री कृष्णकांत 78 वर्ष, उनकी पत्नी अवधिबाई 72 वर्ष एवं बहन चतुरीबाई74 वर्ष अपनी दो पोतियों एवं जत्थे के साथ निकले थे। जैथल टेक के रास्ते में उन्हें घबराहट होने लगी और तीनों ही निढाल हो गए। ऐसे में जत्थे ने मदद की गुहार लगाई लेकिन कोई सहायता नहीं मिल सकी। न ही सहायता वाहन ही मिल सकें। चौपहिया वाहन से कवरेज पर निकले पत्रकार दल के वहां पहुंचने पर जैसे ही उनसे बुजुर्गों को बैठाने की गुहार की गई तत्काल ही पत्रकार एवं समाजसेवी दल ने वाहन में तीनों को व्यवस्थित बैठाया और खूद वाहन की डिक्की में बैठे और वाहन को जैसे तैसे आगर रोड एवं अन्य मार्ग से लेकर उंडासा के पास तक यात्रियों को छोडा।
गलत रास्ते पर निकले यात्रियों को पलटवाया-
बिल्केश्वर महादेव अंबोदिया से चला एक जत्था जिसमें 5 दर्जन से अधिक महिलाएं एवं 10 के लगभग पुरूष शामिल थे नई खेडी क्रासिंग के यहां से सीधे बडनगर रोड की और निकल पडे थे। रेलवे क्रासिंग का गेट बंद होने से वे गफलत में आकर ऐसा कर बैठे थे। पंचक्रोशी के कवरेज पर निकले पत्रकार एवं समाजसेवी दल को यह जानकारी लगी तो उन्होंने नईखेडी क्रशर प्लांट के यहां खडे पेट्रोलिंग वाहन को स्थल पर जाकर स्थिति बताई। वाहन में जिम्मेदार एएसआई ने तत्काल ही इसे गंभीरता से लिया और 2 किलोमीटर से ज्यादा बडनगर रोड की तरफ जा चुके यात्रियों को स्थल पर जाकर पुन: उन्हें मूल मार्ग की और चलने का आग्रह किया।
पीछे छूटे दलों को वाहनों से आगे लाए-
शनिवार को सबसे अंतिम जत्थे के रूप में शाजापुर के दिलोद्री गांव की 4 महिलाएं देर रात को पिंगलेश्वर पहुंची थी। दुसरे दिन तडके वे करोहन के लिए निकली थी। इस दौरान पुलिस विभाग के पेट्रोलिंग वाहन ने उनके आग्रह पर उन्हें करोहन में भगवान के दर्शन करवा कर आगे की और नलवा में अन्य जत्थों में शामिल कर दिया था। इस तरह से जो यात्री पीछे छूट गए थे उन्हें पडाव औश्र उप पडाव पर अन्य जत्थों में शामिल करने में यात्रियों की सहायता की जा रही थी।
एक जवान फूल अलर्ट-
सोढंग में गांव के अंदर से पंचक्रोशी मार्ग जा रहा है। यहां पर गांव के तिराहे पर तैनात जवान यात्रा की व्यवस्था देखने निकल पत्रकार एवं समाजसेवियों के दल को फूल अलर्ट दिखा। इससे पहले कई जगह पर तैनात जवान दिखे लेकिन यात्री ग्रामीण क्षेत्र में गफलत में गडबडाते भी दिखे। सोडंग तिराहे पर तैनात जवान रात में भी इतना अलर्ट था कि वह स्वत: ही आने वाले यात्रियों को मार्ग की और इशारा करने के साथ ही अभिवादन करते हुए मार्ग बता रहा था। घटिया थाना क्षेत्र में पदस्थ आरक्षक दिनेश परमार की इस सजग सेवा को यात्रियों ने काफी सराहना की,जबकि अन्य स्थानों पर यात्रियों को तैनात जवानों से पूछने जाना पड रहा था।
अंबोदिया,कालियादेह,जैथल और उंडासा पर पहुंचे जत्थे-
पंचक्रोशी यात्रा दो दिन पहले से ही चालू हो गई थी। इसके चलते आगे वाले जत्थे बडी संख्या में जैथल दुर्देश्वर महादेव से एक हो कर सोमवार सुबह उंडासा पहुंच गए थे। सबसे अधिक संख्या में आगे के यही जत्थे देखे गए हैं। ये जत्था सोमवार शाम और मंगलवार को नगर प्रवेश करेगा। इसके पीछे पीछे कुछ जत्थे अंबोदिया,कालियादेह,जैथल से सोमवार को अगले पडाव के लिए कूच कर गए हैं। इस तरह से दो पडाव व उपपडाव पर यात्रियों के जत्थे चल रहे हैं।