अक्षय के साथ मुकेश यादव को भाजपा को दुपट्टा पहनाने से विजयवर्गीय ने किया मना
कभी इधर कभी उधर की कार्यशैली के कारण कांग्रेस ने भी साथ छोड़ा
इंदौर। कांग्रेस के सेवा दल के पूर्व शहर अध्यक्ष मुकेश यादव इन दिनों अपनी बिन पेंदे के लोटे की कार्य शैली के चलते भाजपा और कांग्रेस दोनों के बीच झूलते हुए नजर आ रहे हैं। मुकेश यादव शुरू से अपने आप को अरुण यादव समर्थक बताते आए है।
कभी दीपू यादव के पाले में चले जाते है, तो कभी गोलू अग्निहोत्री के। ऐसे में कांग्रेसी भी उन पर ना के बराबर ही भरोसा करते है। विधानसभा चुनाव में अक्षय क्रांति एवं विधानसभा क्रमांक 4 में सक्रिय हो गए थे ,जिसके बाद से ही मुकेश यादव ने सभी दूर से पाला बदलते हुए अक्षय कांति बम का पल्ला पकड़ लिया था।
मुकेश यादव चाणक्य नीति में माहिर है और वह कांग्रेसियों को आपस में लड़ाने में भी महारत हासिल कर चुके है। ऐसे में पिछले दिनों अक्षय कांति बम का भाजपा में जाना भी मुकेश यादव की रणनीति का एक हिस्सा माना जा रहा है।
इसी के चलते नगरी एवं प्रशासन माटी कैलाश विजय वर्गी ने अक्षय कांति बम के साथ मुकेश यादव को स्वीकार नहीं किया और उन्हें भाजपा का दुपट्टा उड़ते से भी मना कर दिया।
वहीं दूसरी ओर अक्षय बम के साथ जितने भी लोग साथ आए उन्हें सबको भाजपा में ले लिया गया था। जब विजय बरगी ने मुकेश यादव को ठुकराया तो उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव के इंदौर आते ही अपनी दौड़ भाजपा की ओर लगे वही अक्षय बम ने अपनी गाड़ी से मुकेश यादव का आवाज लगाकर मुख्यमंत्री के हाथों से भाजपा का दुपट्टा तक उन्हें उड़वा दिया।
इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रहा है। यानी साफ है कि जिस तरह से मुकेश यादव की कार्यशैली सबके सामने आई । इसके बाद कांग्रेस ने भी तुरंत ही बड़ा कदम उठाते हुए उन्हें सेवा दल के अध्यक्ष के पद से निष्काशित भी कर दिया।
मुकेश यादव फिर से अरुण यादव के सहारे कैसे भी फिर से कांग्रेस की ओर आने की जुगाड़ लगा रहा है।