मालवा और निमाड़ अंचल की कमान शिव प्रकाश ने संभाली

 

संघ परिवार हर मोर्चे पर भाजपा को सहारा देने के लिए खड़ा

इंदौर। चौथे चरण में मध्य प्रदेश की बची हुई आठ लोकसभा सीटों पर 13 मई को मतदान होगा। यह सभी सीटें इंदौर और उज्जैन संभाग यानी मालवा और निमाड़ अंचल में आती हैं। प्रदेश के सबसे अधिक आदिवासी मतदाता भी इसी आंचल में रहते हैं। आदिवासी अंचल की संवेदनशीलता को देखते हुए भाजपा ने अपने राष्ट्रीय स्तर के संगठन महारथी शिव प्रकाश को मोर्चे पर लगाया है।
शिव प्रकाश के साथ संभागीय प्रभारी राघवेंद्र गौतम भी खासतौर पर निमाड़ अंचल को देखेंगे। शिव प्रकाश और राघवेंद्र गौतम दोनों ही संघ के पूर्व प्रचारक हैं। इनके अलावा संघ परिवार के मैदानी कार्यकर्ता भी मोर्चे पर आ गए हैं। इस अंचल में भाजपा को खास तौर पर रतलाम झाबुआ सीट की चिंता है। यहां पर कांग्रेस ने जातीय ध्रुवीकरण का सहारा लेते हुए भील बनाम भिलाला मुकाबला बना दिया है। कांतिलाल भूरिया भील समाज से आते हैं। जबकि अनीता चौहान भिलाला समाज की हैं। दोनों आदिवासी समाजों में परंपरागत मतभेद हैं। झाबुआ जिले में भील मतदाता निर्णायक होते हैं। जबकि अलीराजपुर जिले और सैलाना में आदिवासियों के अन्य समुदाय रहते हैं।

रतलाम झाबुआ को छोड़ दिया जाए तो शेष सभी सात सीटों पर भाजपा आसानी से जीत दर्ज करने की स्थिति में है। धार लोकसभा सीट पर भी भाजपा को दिक्कत नहीं है, जैसा कि बताया जा रहा है। यहां अकेले महू विधानसभा से ही भाजपा को 80,000 से अधिक की बढ़त मिल जाएगी। जिसे पाटना कांग्रेस के लिए मुश्किल होगा। इंदौर में 29 अप्रैल के घटनाक्रम की गूंज अभी भी दिखाई दे रही है।
भाजपा इंदौर में मतदान का प्रतिशत गिरने की आशंका से ग्रस्त है। इस वजह से संगठन पुरुषों ने इंदौर में मतदान बढ़ाने के लिए पूरी ताकत लगा दी है। इंदौर भाजपा कार्यालय लगातार बैठकों का दौर चल रहा है। बैठकों में अक्षय बम के नामांकन पत्र वापस लेने और उनके भाजपा में शामिल होने, कांग्रेस की नोटा अपील और मतदान का प्रतिशत बढ़ाने जैसे मुद्दों पर चर्चा चल रही है।
बताया जा रहा है कि हाईकमान ने अक्षय बम के मुद्दे पर नाराजगी जताई है। साथ ही पार्टी पदाधिकारी से कहा है कि वह कांग्रेस के नोटा अभियान को हल्के में न लें। पिछले रविवार देर रात तक चली इस बैठक में कुछ अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई। बैठक में इस बात की आशंका भी जताई गई है कि नोटा के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होने की स्थिति में स्वच्छता में देशभर में पहले पायदान पर खड़ा इंदौर नोटा के इस्तेमाल में भी पहले नंबर पर आ सकता है।
ऐसा होना भाजपा के लिए अच्छा संकेत नहीं होगा। करीब साढ़े 12 बजे तक चली बैठक के बाद बाहर निकले नेता इस संबंध में चर्चा से बचते रहे। उन्होंने इतना ही कहा कि मतदान का प्रतिशत बढ़ाने को लेकर चर्चा थी।

कैलाश विजयवर्गीय के विरोधी अधिक मुखर —

कैलाश विजयवर्गीय विरोधी खेमा अक्षय बम की नाम वापसी के मुद्दे को लेकर आवश्यकता से अधिक मुखर है। इस खेमे का मानना है कि इंदौर जैसी सुरक्षित सीट पर इस तरह का कदम उठाने की आवश्यकता ही नहीं थी। अक्षय को अब तक का सबसे कमजोर कांग्रेसी प्रत्याशी माना जा रहा था। उनका नामांकन फार्म वापस करना तो फिर भी ठीक था, लेकिन उन्हें पार्टी में शामिल कर भाजपा ने अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है।
सुमित्रा ताई और हिंद रक्षक खेमे का कहना है कि बम कांड को अंजाम देकर पार्टी ने चुनावी मैदान में शह मात की बाजी भले ही जीत ली, लेकिन इससे पार्टी के भीतर फैली नकारत्मकता का खामियाजा भाजपा को लंबे समय उठाना पड़ेगा। बम कांड के बाद पार्टी के कार्यकर्ता असमंजस में हैं।

मतदान बढ़ाने के लिए विशेष अभियान —

भाजपा के शीर्ष संगठन नेताओं ने नगर और ग्रामीण भाजपा को निर्देश दिए हैं कि मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए भाजपा विशेष अभियान चलाया जाए। इसके तहत विशेष दल बनाए जा रहे हैं जो मतदान के लिए लोगों को प्रेरित करेंगे। विशेष दलों में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी शामिल किया जाएगा ताकि उनके अनुभव का फायदा पार्टी को मिल सके।
इसके अलावा सीए, डॉक्टर, वकील जैसे अलग-अलग क्षेत्रों से पार्टी से जुड़े लोगों के दल भी बनाए जा रहे हैं। ये सभी अपने-अपने क्षेत्रों में मतदान के लिए लोगों को प्रेरित करेंगे। पार्टी का लक्ष्य इस बार इंदौर में 70 प्रतिशत से ज्यादा मतदान कराने का है।