नेशनल लोक अदालत के प्रचार-प्रसार हेतु वाहन रैली का आयोजन
उज्जैन। नेशनल लोक अदालत 11 मई को आयोजित की गई है। इसके प्रचार प्रसार को लेकर बुधवार को नगर पालिक निगम के समन्वय से एक वाहन रैली को न्यायालय परिसर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। वाहन रैली का उद्देश्य जन सामान्य लोगों में जलकर व संपत्तिकर से संबंधित प्रकरणों का निराकरण करना है ताकि नेशनल लोक अदालत को सफल बनाया जा सके ।
म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उज्जैन दीपेश तिवारी के निर्देशन में वर्ष 2024 की द्वितीय नेशनल लोक अदालत का आयोजन 11 मई को किया जा रहा है, जिसके प्रचार-प्रसार हेतु नगर पालिक निगम के समन्वय से एक विशाल वाहन रैली जिला न्यायालय परिसर, उज्जैन से नेशनल लोक अदालत के संयोजक एवं विशेष न्यायाधीश सुनील कुमार, प्राधिकरण के सचिव एवं जिला न्यायाधीश कपिल भारद्वाज, जिला न्यायाधीश सुनील कुमार शोक, जिला न्यायाधीश विवेक कुमार चंदेल, न्यायिक मजिस्टेªट प्रथम श्रेणी कुशाग्र अग्रवाल, अपर आयुक्त नगर निगम आर.एस. मण्डलोई, उपायुक्त आरती खेडे़कर, समस्त ज़ोन के संपत्तिकर अधिकारी एवं प्रभारी अधिकारी संपत्तिकर सुनील जैन, जिला विधिक सहायता अधिकारी चन्द्रेश मण्डलोई एवं नगर निगम के अन्य पदाधिकारीगण के द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में शामिल अनेक प्रकार के वाहनों द्वारा शहर के विभिन्न झोन अंतर्गत रहवासी इलाकों में जलकर एवं संपत्तिकर के बकाया राशि जमा कराने हेतु नेशनल लोक अदालत का प्रचार-प्रसार किया गया। प्राधिकरण के सचिव श्री कपिल भारद्वाज ने बताया कि इस वाहन रैली का उद्देश्य जन सामान्य लोगों में जलकर व संपत्तिकर से संबंधित प्रकरणों का निराकरण करना है ताकि नेशनल लोक अदालत को सफल बनाया जा सके। जो भी पक्षकार अपने जलकर के वसूली प्रकरण का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से कराने के इच्छुक हैं, वे अपने-अपने झोनल कार्यालय एवं शनिवार को जिला न्यायालय परिसर में लगायी जाने वाली स्टॉल पर पहुंचकर संपत्तिकर एवं जलकर जमा करें।
रैली के उपरांत एडीआर सेंटर के मीटिंग हॉल में नगर पालिक निगम के उपरोक्त अधिकारियों के साथ प्राधिकरण के सचिव कपिल भारद्वाज एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी चन्द्रेश मण्डलोई के समन्वय में बैठक आयोजित की गयी, जिसमें नेशनल लोक अदालत के संबंध में अधिक से अधिक जलकर एवं सम्पत्तिकर के प्रकरणों के निराकरण के संबंध में आवश्यक परिचर्चा की गयी।