उफ..उफ…ये गर्मी, उफ..उफ ये बिजली कटौती
मेंटेनेंस के नाम पर बिजली कटौती, शहरवासी हलकान
ब्रह्मास्त्र उज्जैन
भीषण गर्मी में बिजली कटौती…हाय राम..! कुछ ऐसे ही शब्द शहर में नागरिकों के सुने जा सकते है..! एक तो गर्मी और ऊपर से मेंटेनेंस के नाम पर होने वाली बिजली कटौती से नाक में दम जैसा ही हो रहा है। उफ-उफ ये गर्मी…उफ-उफ ये बिजली कटौती जैसी स्थिति शहर में ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी देखी जा रही है।
हालात यह है कि बिजली कटौती का कोई समय ही निर्धारित नहीं है। लिहाजा शहर के नागरिक गर्मी के साथ ही बिजली कटौती के कारण भी हलकान है। शहर में बिजली कटौती होना कोई नई बात नहीं है। सुबह हो या फिर दोपहर या फिर शाम या फिर रात ही क्यों न हो बिजली कटौती बिजली विभाग द्वारा करने का सिलसिला जारी रहता है। ये बात अलग है कि बिजली कटौती घोषित रूप से जब की जाती है तो इसकी पूर्व सूचना बकायदा समाचार पत्रों में दी जाती है लेकिन अघोषित बिजली कटौती करने का कोई जवाब विभाग के किसी जिम्मेदार अधिकारी के पास नहीं है।
बजती रहती है घंटी…कोई जवाब देने वाला नहीं
उज्जैन शहर को बिजली विभाग ने विभिन्न जोनों में बांट रखा है। किसी समय जोनों में लैंडलाइन फोन हुआ करते थे लेकिन अब संबंधित अधिकारियों के साथ ही संबंधित लाइनमैन के मोबाइलों पर ही किसी बिजली समस्या के लिए संपर्क करना पड़ता है। हालांकि यह बात अलग है कि संबंधित क्षेत्रों के अधिकारियों या लाइनमैन के मोबाइल नंबर सार्वजनिक अर्थात संबंधित क्षेत्रों के लोगों के पास रहते ही है, लेकिन बावजूद इसके यदि बिजली लंबे समय के लिए जाती है और संबंधितों को मोबाइल लगाया जाता है तो जवाब मिलता ही नहीं है अर्थात घंटी ही जाती है…!
दूरस्थ क्षेत्रों में फाल्ट ही ढूंढते रहते हैं
शहर का विस्तार लगातार हो रहा है और इसके चलते कई कॉलोनियां बस गई है। बड़नगर रोड बायपास अर्थात होटल शांति पैलेस के पीछे वाले मार्ग पर भी कई कॉलोनियां है और लोग भी इन कॉलोनियों में बड़ी संख्या में रहते है। लेकिन ग्राम पंचायतों की इन कॉलोनियों में बिजली की समस्या सबसे अधिक है। यहां के लोगों का कहना है कि सुबह से लेकर रात तक कई बार बिजली की आवाजाही बनी रहती है। संबंधित अधिकारी या फिर लाइनमैन को मोबाइल लगाते भी है तो सिवाय फाल्ट ढूंढने की बात ही सामने आती है। क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि फाल्ट ढूंढने में ही दो से तीन घंटे लग जाते है। जानकारी के अनुसार इस क्षेत्र में बिजली विभाग के पास स्टाफ की कमी है।