सरकारी जमीन बेच खाई, करोड़ों की हेराफेरी, मुद्रांक चोरी में भी फंसे
डीएचएल इन्फ्राबुल के डॉयरेक्टरों पर ईओडब्ल्यू में प्रकरण दर्ज
इंदौर। रियल एस्टेट कंपनी डीएचएल इन्फ्राबुल इंटरनेशनल के कर्ताधर्ता करोड़ों की हेराफेरी, शासकीय मुद्रांक चोरी और बंधक प्लाटों की खरीदी-बिक्री के मामले में फंस गए है।आर्थिक अपराध ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने जांच शुरु कर दी है।
निवेशकों का आरोप है कि कंपनी ने शासकीय जमीन पर प्लाट बेचे है। कंपनी का टेक्नो सिटी फेस-1 एवं फेस टू (सिमरोल), अक्स लैंडमार्कस (भोपाल), मिलेनियम लैंडमार्क,द ताज,द क्राउन (सीहोर), गोल्ड सिटी (इंदौर) 24 कैरेट, आइकान लैंडमार्क, इम्पेरियल लैंडमार्क,हाईटेक सिट और सिंगापुर सिटी के नाम से कई प्रोजेक्ट है।
शिकायतकर्ता प्रवीण सोनी,नितेंद्रसिंह सहित,भावना जैन,राघव शर्मा, शाबिर कुरैशी सहित करीब 20 लोगों ने आर्थिक अपराध ब्यूरो में शिकायत दर्ज करवाई है।
आरोप है कि कंपनी के कर्ताधर्ता संतोष सिंह,संजीव जायसवाल उर्फ बंटी ने वर्ष 2013 में प्रोजेक्ट की शुरुआत की लेकिन अधुरे ही छोड़ दिए।आरोपितों ने 15 हजार वर्गफीट के भूखंडों का विक्रय किया लेकिन सामान्य स्टांप पर अनुबंध निष्पादित किया।भूखंड के मुल्य की 35 से 50 प्रतिशत राशि प्राप्त कर ली।
आरोपियों ने विकास राशि ली लेकिन अनुबंध में उल्लेख नहीं किया। उक्त अनुबंध को रजिस्टर्ड भी नहीं करवाया।निवेशकों ने आरोपितों पर सैंकड़ों करोड़ की कर चोरी का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि सेक्टर-एफ में बेची जमीन रिकॉर्ड में शासकीय भूमि के रूप में दर्ज है।
लोगों को रजिस्ट्री तो कर दी लेकिन नामांतरण अभी तक नहीं हुआ।
चेन सिस्टम के झांसे में डूब रहे
पीड़ितों के मुताबिक आरोपियों ने चेन सिस्टम से प्लाटों का विक्रय किया है। इसी सिस्टम में शासन के पास बंधक रखे प्लाट का सौदा भी कर दिया।
टेक्नो टू कालोनी में बंधक प्लाट बेचने की शिकायत की गई है। आरोपी संजीवसिंह,संतोषसिंह, मनीष डाले, अनिरुद्ध देव, दीपक शर्मा, राजेश वर्मा और रजिस्ट्रार विभाग के कर्मचारी-अधिकारियों के विरुद्ध जांच बैठ गई है। आरोप है कि राजनेताओं के साथ खींचवाए फोटो दिखा कर धमकाते है। एडीजी के मुताबिक शासकीय जमीन बेचने का मामला है। रजिस्ट्रार,तहसील कार्यालयों से जानकारी मांगी जा रही है।