मालवा निमाड़ अंचल की आठ सीटों पर बस अब कल तक चुनावी शोर

 

इंदौर में सूनापन, बाकी सीटों पर राष्ट्रीय और प्रदेश स्तरीय नेताओं की रोजाना 15 से 20 सभाएं

भोपाल। मालवा-निमाड़ अंचल की आठ लोकसभा सीटों में भाजपा और कांग्रेस के जीत के अपने-अपने दावे हैं। इसके बाद भी चारों चरणों में प्रचार का सबसे अधिक जोर भी इसी चरण में देखने को मिल रहा है। इंदौर को छोड़कर हर सीट पर प्रचार की धूम मची है।

भाजपा और कांग्रेस के नेता प्रतिदिन 15 से 20 सभाएं, रोड-शो, प्रबुद्धजन सम्मेलन कर रहे हैं। विंध्य, महाकोशल, मध्य भारत और ग्वालियर-चंबल अंचल के नेताओं ने यहां डेरा डाल दिया है। मालवा-निमाड़ अंचल में 13 मई को मतदान होना है, इसलिए कल 11 मई को शाम छह बजे प्रचार बंद हो जाएगा। ऐसे में बचे दिनों दोनों दल दिन-रात एक कर रहे हैं।
अलग-अलग अंचल के नेता यहां उन क्षेत्रों में जुटे हैं, जहां उनका प्रभाव अधिक माना जा रहा है। सात मई को प्रधानमंत्री की सभा के बाद भाजपा से मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अन्य नेताओं की सभा हुईं, तो कांग्रेस से प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव सहित दूसरे नेताओं की सभाएं हो रही हैं।

रतलाम- खरगोन में हो चुकी राहुल गांधी की सभा

कांग्रेस की ओर से राष्ट्रीय नेताओं में पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की रतलाम और खरगोन लोकसभा सीट में सभाएं हो चुकी हैँ। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी तीन दिन रतलाम, खरगोन और मंदसौर लोकसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ता सम्मेलन करेंगे तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने उज्जैन में कार्यकर्ता सम्मेलन किया। हाल ही में कांग्रेस से भाजपा में आए सुरेश पचौरी भी जनसभाएं कर रहे हैँ।

उज्जैन- धार में हुआ नव मतदाता सम्मेलन

दोनों दलों का विशेष ध्यान इस पर है मतदाताओं के हर वर्ग तक वह पहुंचे। ब्राह्मण बहुल क्षेत्रों में उसी समाज के नेता पहुंच रहे हैं। यहां के नवमतदाता भी जीत-हार में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। इस कारण उनका समर्थन पाने के लिए दोनों दल जुटे हैं। भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने इंदौर, धार, उज्जैन लोकसभा क्षेत्रों में नवमतदाता सम्मेलन किया। उल्लेखनीय है कि इन आठ सीटों पर 18 ये 19 आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या लगभग पांच लाख है। दोनों दल के नेता जिला मुख्यालय से लेकर तहसील और ब्लाक स्तर तक जनसभाएं और रोड-शो कर रहे हैं।

इंदौर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम द्वारा नाम वापस लिए जाने तथा भाजपा में शामिल हो जाने के बाद अब चुनाव रसहीन हो गया है। यहां पर मतदाता सूनापन महसूस कर रहे हैं। न कोई चुनावी सभा न किसी बड़े नेता का कोई पदार्पण। जो भी आ रहे हैं इंदौर आकर आसपास की सीटों पर जाकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं।

जहां विधानसभा चुनाव जीती वहां कांग्रेस का जोर

कांग्रेस का ज्यादा ध्यान उन सीटों पर है जहां विधानसभा चुनाव में वह मजबूत या भाजपा की बराबरी में रही। धार में आठ में से पांच, खरगोन की आठ में से पांच और धार की आठ में से पांच और रतलाम की आठ विधानसभा सीट में से चार भाजपा ने जीती है।