इंदौर में भाजपाइयों में छाई सुस्ती, बूथ सम्मेलनों से नहीं भराया जोश
इंदौर। लोकसभा क्षेत्र इंदौर में कांग्रेस के चुनावी मैदान से बाहर होने के बाद भाजपा के सामने मतदान बढ़ाने की चुनौती खड़ी है। पार्टी ने इसके लिए तैयारी शुरू कर भी दी। बूथ सम्मेलनों के जरिए कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश नाकाम रही है। कार्यकर्ताओं को समझाइश दी जा रही है कि वे अति आत्मविश्वास से बचें और मैदान में उतरकर मतदाताओं को मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए प्रेरित करें। इसके लिए सभी 38 मंडलों पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, कार्यकर्ता बूथ सम्मेलन में तो जा रहा है, लेकिन वहां से सीधे अपने घर पहुंच कर बैठ जा रहा है। वह लोगों के बीच निकल ही नहीं रहा है।
पिछले चुनाव से 370 ज्यादा वोट का लक्ष्य
भाजपा संगठन ने लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्येक बूथ पर पिछले चुनाव के मुकाबले 370 मत अधिक प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि इस लक्ष्य को हासिल करने में बूथ सम्मेलन संजीवनी का काम करेगा। कांग्रेस के मैदान से हटने के बाद कार्यकर्ताओं में छाई सुस्ती भी इन सम्मेलनों के जरिए दूर हो जाएगी, पर ऐसा नहीं हो रहा। पार्टी का उद्देश्य कार्यकर्ताओं तक यह संदेश भी पहुंचाना है कि वे 13 मई का इंतजार न करें। अभी से मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित करने के काम में जुट जाएं।
गर्मी से निपटने के लिए इंतजाम भी रखें
सम्मेलनों के जरिए कार्यकर्ताओं को यह बात भी समझाई जा रही है कि 13 मई के दिन उन्हें क्या-क्या सावधानी रखना है। मतदान के दिन वे प्रयास करें कि दोपहर 12 बजे से पहले ज्यादा से ज्यादा मतदान करवा लिया जाए ताकि चिलचिलाती धूप की वजह से मतदान प्रभावित न हो सके।
ढोलक वालों के पास नहीं बचा काम
इंदौर लोकसभा सीट पर कहने को 14 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन प्रचार के हिसाब से देखें तो भाजपा के अलावा अन्य कोई प्रत्याशी मैदान में नजर नहीं आ रहा। न कहीं किसी अन्य पार्टी के झंडे-बैनर नजर आ रहे हैं। यही वजह है कि हर बार चुनावी मौसम में व्यस्त रहने वाले ढोलक और बैंड वाले इन दिनों बगैर काम के बैठे हैं। लग्नसरा खत्म होने के बाद उन्हें उम्मीद थी कि चुनाव में काम निकलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस के मैदान से पीछे हटने के बाद पूरी तरह से सुस्ती छाई हुई है।