74 आराधकों द्वारा 14 माह की वर्षीतप तपस्या अक्षय तृतीया के दिन पूर्ण की
बडनगर। आज के इस आधुनिक युग में 14 माह की वर्षीतप जैसी विशाल तपस्या बहुत ही कठिन होती है। ऐसे में बड़नगर की पूण्य धरा पर 74 आराधकों द्वारा सामूहिक वर्षीतप की तपस्या अक्षय तृतीया के दिन पूर्ण हुई । पूण्य सम्राट के आशीर्वाद और वर्तमान गच्छाधिपति आचार्य श्री की आज्ञा से एवं साध्वी श्री तत्वलता श्रीजी आदि ठाना की शुभ प्रेरणा से आरंभ हुई सामुहिक वर्षीतप की पूणार्हुति 5 दिवसीय महोत्सव के साथ सम्पन्न हुई। सामूहिक वर्षीतप पारना महोत्सव में प्रतिदिन मंदिरों में अभिषेक हुआ और तपस्वीयों की हल्दी, मेहदी का सुंदरतम आयोजन किया गया। गुरुवार के दिन एक भव्य तपस्वी रथ यात्रा नगर के मुख्य मार्गो से गुजरी। जिसमें ऊँट, हाथी के साथ 37 रथ यात्रा की शोभा बढ़ा रहे थे। तपस्वी के रथ के साथ-साथ ढोल की थाप पर परिवारजन नृत्य करते चल रहे थे। करीब 1 किमी लम्बी रथ यात्रा नगर के मध्य निकली तो नगरवासियों द्वारा पुष्प वर्षा कर जगह-जगह स्वागत किया गया। रथयात्रा पश्चात तपस्वीयों का वधामना कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें नागदा से गायक आयुष बोहरा और विपिन वागरेचा ने शानदार संवेदना और मधुर गीतों की प्रस्तुति दी। शाम के समय नगर की बहन बेटियों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गई । शुक्रवार अक्षय तृतीया पर तपस्वीयों का ज्ञान मंदिर से शांति वाटिका तक चल समारोह निकाला गया। जहा पूण्य सम्राट सामूहिक वर्षीतप आराधना समिति द्वारा तपस्वियों का बहुमान किया गया। तत्पश्चात समिति द्वारा तपस्वीयों का पारणा हेतु बहुत ही सुंदरतम बैठक व्यवस्था कर पारना प्रारंभ हुआ। तपस्वियों का पारना परिवार जन द्वारा कराया गया. महोत्सव में बाहर से पधारे मेहमानों की व्यवस्था समिति द्वारा की गई। पारणा में श्री संघ द्वारा तपस्वीयों का बहुमान किया गया। तपस्वीयों के चेहरे पर खुशी देखने लायक थी। अनेकों जगह से धमार्लूजन उपस्थित रहे।