पत्नी-भांजी ने रचा षडयंत्र, हत्यारे तक पहुंची पुलिस बदमाश ने सुपारी ली 6 लाख की, मजदूर से हत्या कराई 2 लाख में
उज्जैन। इलेक्ट्रॉनिक व्यापारी की हत्या का 33 घंटे में रविवार शाम पर्दाफाश हो गया। पत्नी और भांजी ने षडयंत्र रचा था और 6 लाख की सुपारी दी थी। सुपारीबाज ने 2 लाख में मजदूरी करने वाले से सौदा तय किया और हत्या करवा दी। पुलिस ने सुपारीबाज के साथ पत्नी और भांजी को हिरासत में लिया है। तीनों ने गुनाह करना कबूल कर लिया है। पुलिस रात में हत्या करने वाले तक पहुंच गई थी। सभवत: आज हिरासत में आये पत्नी, भांजी और सुपारीबाज के साथ उसे भी न्यायालय में पेश किया जा सकता है। जीवाजीगंज थाना क्षेत्र के जूना सोमवारिया में पूजा इलेक्ट्रॉनिक का संचालन करने वाले मिश्रीलाल पिता भैरूलाल राठौर 58 वर्ष शनिवार सुबह 8.30 बजे मार्निंग वॉक से लौटेअ थे तभी घर में छुपकर बैठे बदमाश ने चाकू घोंपकर हत्या कर दी थी। मिश्रीलाल के मकान में लगे कैमरे से बदमाश की तस्वीर सामने आ गई थी, वहीं पता चला था कि बदमाश ताला खोलकर अंदर पहुंचा था। जिसके चलते हत्या में परिवार की भूमिका पर संदेह हो गया। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद मिश्रीलाल से अलग रहने वाली पत्नी कृष्णाबाई और भांजी माया को कस्टडी में लिया और पूछताछ शुरू करने के साथ उनके मोबाइल की जांच शुरू की। जिसमें कॉल रिकॉर्डिंग मिलते ही हत्या से पर्दा उठ गया। कृष्णाबाई ने मोहनपुरा में रहने वाले गोपाल पिता देवीसिंह चौधरी को 6 लाख में पति की हत्या की सुपारी दी थी। बतौर एक लाख एडवांस दिये गये थे। शेष काम पूरा होने पर देना तय हुआ था। पुलिस गोपाल को हिरासत में लिया तो पता चला कि उसने हत्या के लिये इंगोरिया के ग्राम कुलावदा में रहने वाले करण सोलंकी को तैयार किया था और 2 लाख में बात तय कर 10 हजार रूपये एडवांस दिये थे। करण मजदूरी करता है। पुलिस उसकी तलाश में लगी हुई है। एसपी प्रदीप शर्मा रविवार शाम मामले का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपियों तक पहुंचने के लिये बेसिक पुलिसिंग की गई है। जीवाजीगंज सीएसपी सुमित अग्रवाल, टीआई नरेन्द्र सिंह परिहार सायबर सेल प्रभारी प्रतिक यादव सहित टीम को 30 हजार का नगद इनाम और राजपत्रित अधिकारियों को प्रशंसा पत्र दिया जाएगा। पुत्र के साथ रहता था मृतक मिश्रीलाल एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक व्यापारी मिश्रीलाला अपने पुत्र लोकेश के साथ जूना सोमवारिया स्थित मकान में रहता था। पत्नी कृष्णाबाई और भांजी माया कुछ दूरी पर दूसरे मकान में रहती थी। पत्नी कृष्णाबाई पति मिश्रीलाल के चरित्र पर शंका करती थी। उसे पति के दूसरी महिला से संबंध होने का शक था, जिसके चलते दोनों के बीच विवाद होता था। 8-10 साल पहले भांजी माया के पति का निधन हो गया था, वह कृष्णाबाई के साथ रहने लगी थी। मिश्रीलाल पत्नी और भांजी को दूसरे मकान से भी निकालना चाहता था। जिसके चलते कृष्णाबाई को संपत्ति से बेदखल होने का डर भी था। उसने भांजी के साथ मिलकर 4-5 माह से पति की हत्या का षडयंत्र रचना शुरू कर दिया था।
गोली मारकर हत्या करने का था इरादा
मिश्रीलाल की हत्या का षडयंत्र रचने वाली कृष्णाबाई और माया से पूछताछ में पता चला कि उन्होने ऐसे व्यक्ति की तलाश शुरू की जो पति की हत्या कर सके। गोपाल वर्ष 2010 में इंगोरिया क्षेत्र में हत्या कर चुका था। दोनों का गोपाल से संपर्क होते ही हत्या का अंजाम देने का तरीका तलाशा जाने लगा। चाकू से हमला करने पर उन्हे शंका थी कि अगर बच गया तो राज खुल जाएगा। उसके बाद गोली मराने का प्लान तैयार किया गया। लेकिन पुलिस की अवैध हथियारों को लेकर सख्ती के चलते पिस्टल-कट्टा उपलब्ध नहीं हो पाया। उसके बाद चाकू से ही हत्या करना तय किया गया।
कृष्णाबाई क्षिप्रा में लगा चुकी थी छलांग
पति के अवैध संबंध और आये दिन के विवाद से परेशान होकर एक माह पहले कृष्णाबाई आत्महत्या के लिये क्षिप्रा नदी पहुंची थी। उसने नदी में छलांग लगा दी थी। लेकिन होमगार्ड के जवानों ने उसे बचा लिया था। उसके बाद पति की हत्या का इरादा उसने पूरी तरह से ठान लिया था। कृष्णाबाई के हिरासत में आने पर सामने आया कि उसके खिलाफ वर्ष 2017 में म.प्र. ऋणियों का संरक्षण अधिनियम का प्रकरण भी दर्ज हो चुका है।