देश के इतिहास में पहली बार कांग्रेस प्रत्याशी विहीन इंदौर में लगी नोटा की टेबल
इंदौर के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 2 में हुआ विवाद, कांग्रेस भाजपाई आमने-सामने
इंदौर। संसदीय सीट इंदौर पर देश के इतिहास में पहली बार नोटा की टेबल लगी है। गौरतलब है की नोटा प्रत्याशी नहीं है, लेकिन कांग्रेस ने यह टेबल लगाई है। इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति नाम वापस लेकर भाजपा में शामिल हो गए हैं। इससे कांग्रेस के पास कोई प्रत्याशी ही नहीं है।
क्षेत्र क्रमांक 2 में हुआ विवाद
इंदौर के विधानसभा क्षेत्र दो में विवाद की स्थिति बनी। कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ता आमने-सामने हो गए। मां कनकेश्वरी देवी शासकीय महाविद्यालय बूथ 258 के बाहर यह विवाद हुआ है।
कांग्रेस पार्षद का चुनाव लड़े बब्बू और भाजपा नेता के बीच हुआ विवाद।धक्का मुक्की को लेकर विवाद के बाद
पुलिस ने मोर्चा संभाला। खुलेआम बंदूक निकलने की धमकी भी देना बताया जा रहा है।
काफी राजनीतिक मंथन के बाद भाजपा ने इंदौर लोकसभा क्षेत्र से एक बार फिर शंकर लालवानी पर दांव खेला था, तब यह उम्मीद थी कि कांग्रेस से कड़ी न सही प्रतिस्पर्धा तो मिलेगी लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम के बीच चुनाव में रण छोड़ने से राजनीतिक माहौल ही उत्साहहीन हो गया। शहर के राजनीतिक इतिहास में यह पहला मौका है, जब किसी पार्टी ने महासमर से पहले ही मैदान खाली करवा कर जीत सुनिश्चित कर ली।
कांग्रेस के खिलाड़ी के हिट विकेट होते ही इस चुनावी संग्राम में इंदौर शहर के गली-मोहल्लों में हल्ला नहीं दिखाई दिया। कड़ी चुनौती न होने से पूरे चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा और कांग्रेस के किसी बड़े नेता की सभा यहां नहीं हुई है। हालत यह है कि कहीं बैनर ,पोस्टर और झंडे तक दिखाई नहीं दिए। भाजपा कार्यकर्ता भी घर में एसी और कूलर के बीच ठंडी हवा लेते नजर आए। संघ ने तो जैसे मैदान ही छोड़ दिया। खुद भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी भी सिर्फ प्रचार की औपचारिकता करते ही नजर आए हैं।
कांग्रेस नोटा का आव्हान करती नजर आई
कांग्रेस को यह चिंता भी सताती रही कि कहीं उनके वोट भाजपा प्रत्याशी की जीत का अंतर न बढ़ा दें। इसलिए बार-बार मतदाताओं से नोटा के प्रयोग का आह्वान करते रहे। हालांकि इसे आंदोलन की शक्ल देने के प्रयास को कांग्रेस के ही बड़े नेताओं का समर्थन हासिल नहीं हो सका है। यह चुनाव न्यूनतम सक्रियता की वजह से भी याद रखा जाएगा।