दो दिव्यांगों की एक नहीं सूनी, वृद्धा के दोनों हाथों पर स्याही लगा दी
-पीठासीन अधिकारी पर मनमानी करने का आरोप,घर से लाए सहयोगियों को बाहर निकाला
उज्जैन। लोकसभा निर्वाचन 24 के तहत उज्जैन दक्षिण विधानसभा के मतदान क्रमांक 177 पर दो दिव्यांगों की पीठासीन अधिकारी ने एक भी बात नहीं सूनी और दोनों को ही एक दुसरे का सहारा बनाकर मतदान करवाया। यहां तक की एक पैर से दिव्यांग महिला के दोनों हाथों की प्रथम अंगुली पर स्याही लगा दी और दोनों अंगुठे से पीठासीन अधिकारी के रजिस्टर में अंगुठा निशानी करवाई गई।
मतदान केंद्र क्रमांक 177 सरस्वती महाविद्यालय ऋषिनगर पर सुबह श्यामाबाई मालवीय 58 वर्ष (एक पैर से दिव्यांग) एवं उनका पुत्र सोनू मालवीय 28 वर्ष (दोनों आखों से दिव्यांग) मतदान के लिए पहुंचे थे। उनके साथ उनके दो परिजन पुरूष भी आए थे। मतदान केंद्र में जाने पर उन्होंने पीठासीन अधिकारी को दिव्यांग होने की जानकारी देते हुए साथ लाए पुरूषों की मदद से मतदान का आग्रह किया था। इस पर पीठासीन अधिकारी ने अन्य सहयोगियों के आग्रह को नकारते हुए वृद्ध दिव्यांग महिला से कहा कि आप ही आंखों से दिव्यांग का वोट डलवा दिजिए। वृद्धा के नकारने पर भी मतदान कर्मचारियों ने दोनों का वोट स्वीकृत करते हुए साथ आए पुरूष सहयोगियों को बाहर निकाल दिया।
महिला श्यामाबाई का कहना था कि में पढी लिखी नहीं हुं। मुझे कम समझ पडता है। एक पैर से दिव्यांग हुं चलने में परेशानी होती है। इसके बावजूद मेंरे आंखों से दिव्यांग पुत्र का मतदान मेरे सहयोग से करवाया गया। मेरा मत डालने के लिए भी मुझे सहयोगी नही दिया गया। नहीं पुत्र के मतदान के लिए ही सहयोगी को आने दिया गया। सोनू ने बताया कि वे पहले ऋषिनगर में रहते थे अब वे गंगा विहार में रहने जा चुके हैं। वे मतदान के लिए 3 किलोमीटर दूर से आए हैं। पीठासीन अधिकारी से नाम पूछने पर वे नाम बताने को तैयार नहीं हुई। वृद्धा का कहना था कि उनके दोनों हाथों की पहली अंगुली पर श्याही लगा दी गई और अंगुठे में श्याही लगा कर निशानी रजिस्टर में ली गई है। जबकि पुत्र के उलटे हाथ की पहली अंगुली में श्याही लगाई गई है। सोनू का कहना था कि हमने आपत्ति ली लेकिन कोई सूनने को तैयार ही नहीं था। घर से लाए हमारे सहयोगियों को भी बाहर निकाल दिया गया।