उज्जैन-आलोट संसदीय क्षेत्र में अपरांह 5 बजे तक 70.44 प्रतिशत मतदान
-मुख्यमंत्री ने पत्नी एवं पुत्र के साथ लाईन में लगकर किया मतदान
-सुबह 7 बजे से मतदान की शुरूआत , कांग्रेस के विरोध के बाद नीलगंगा मतदान केंद्र से पीठासीन अधिकारी को हटाया
उज्जैन। लोकसभा निर्वाचन 24 के तहत सोमवार को चौथे चरण में उज्जैन –आलोट संसदीय क्षेत्र में मतदान किया गया है। सुबह 7 बजे से मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई। दोपहर 1 बजे तक संसदीय क्षेत्र में 49.71 प्रतिशत मतदान की जानकारी सामने आ रही है। प्रथम दो घंटे में सुबह 7-9 के बीच 16 प्रतिशत एवं शुरूआती 4 घंटे सुबह 7 से 11 के बीच 34.25 प्रतिशत मतदान हुआ है। दोपहर 3 बजे तक 60.83 प्रतिशत मतदान सामने आया है। अपरांह 5 बजे तक 70.44 प्रतिशत मतदान हो चुका था।
लोकसभा चुनाव अंतर्गत सोमवार को सुबह धीमी गति से मतदान की शुरूआत हुई थी। प्रातः 9:00 बजे तक उज्जैन जिले में 16 प्रतिशत मतदान हुआ था। संसदीय क्षेत्र में दोपहर 1 बजे तक कुल 49.71 प्रतिशत मतदान की स्थिति साफ हुई थी। दोपहर 3 बजे तक 60.83 प्रतिशत मतदान सामने आया है। अपरांह 5 बजे तक 70.44 प्रतिशत मतदान सामने आया है इसमें घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक 75.71 प्रतिशत मतदान की स्थिति सामने आ रही है। उज्जैन जिले की 7 विधानसभा एवं रतलाम जिले की आलोट विधानसभा क्षेत्र में हुए मतदान का यह औसत रहा है। लोकसभा निर्वाचन अंतर्गत उज्जैन आलोट संसदीय क्षेत्र में मतदान प्रक्रिया सुचारू रूप से जारी हैं। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी नीरज कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा लगातार मतदान केंद्रों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने पहले मंदिर में त्रिशुल,गदा चढाई फिर मतदान किया-
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को पत्नी सीमा यादव एवं पुत्र सहित उज्जैन दक्षिण विधानसभा के फ्रीगंज में श्री नारूमल गगनदास, सिन्धी अलखधाम धर्मशाला स्थित बूथ क्रमांक 60 में मतदाताओं की लाईन में लगकर मतदान किया। मतदान के पहले मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने पिताजी का आशीर्वाद लिया और वे भाजपा संभागीय कार्यालय लोकशक्ति के सामने अखंड ज्योति हनुमान मंदिर पर पहुंचे और पूजन अर्चन कर उन्होंने भगवान को त्रिशुल और गदा अर्पित की। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि लोकतंत्र के महापर्व पर आज प्रदेश के देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, धार, इंदौर, खरगौन और खंडवा के सम्मानित मतदाताओं से विनम्र निवेदन है कि अपने मताधिकार का उपयोग अवश्य करें, जिससे शत-प्रतिशत मतदान सुनिश्चित किया जा सके। आपका एक वोट ही लोकतंत्र की गहरी जड़ों को सशक्त बना सकता है और देश को उज्ज्वल भविष्य दे सकता है।
महाकाल के समक्ष शीश नवाया कांग्रेस- भाजपा प्रत्याशी ने-
सुबह भाजपा व कांग्रेस दोनों प्रमुख दलों के प्रत्याशी बाबा महाकाल के दरबार में पहुंचे और भगवान का आशीर्वाद लेने के बाद परिवार के साथ वोट डालने के लिए निकले। कांग्रेस प्रत्याशी महेश परमार ने नंदीहाल से भगवान महाकाल के दर्शन कर आशीर्वाद लिया । भाजपा प्रत्याशी अनिल फिरोजिया भी पत्नि व परिवार के साथ मंदिर पहुंचे और दर्शन कर गर्भ गृह के बाहर चौखट से खड़े होकर आशीर्वाद लिया।
संभागायुक्त,कलेक्टर,एसपी सहित अधिकारियों ने मतदान किया-
संभागायुक्त संजय गुप्ता ,कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी नीरजकुमार सिंह ने सोमवार को सपत्नीक , पुलिस अधीक्षक उज्जैन प्रदीप शर्मा , सी.ई.ओ जिला पंचायत मृणाल मीना ,नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक ने मतदान केंद्र क्रमांक 204 कृषि कार्यालय कोठी रोड पर जाकर अपने मत का प्रयोग किया। अधिकारियों ने केंद्र के बाहर बनाए गए सेल्फी पाइंट पर जाकर फोटो भी खिंचवाई।
दिव्यांग एवं बुजुर्ग भी आए उत्साह से-
आदर्श मतदान केंद्र क्रमांक 103 सेठी नगर में मतदान करने के लिए आए दिव्यांग धनुष व्यास ने बताया कि वे पैरों से दिव्यांग हैं । आज वे अपने मत का प्रयोग करने के लिए यहां आए हैं। मतदान केंद्र तक वे ट्राई साइकिल से आए उसके बाद उन्हें केंद्र में मौजूद कर्मचारियों द्वारा व्हीलचेयर पर बैठा कर मतदान के लिए ले जाया गया । मतदान केंद्र पर दिव्यांग जनों के लिए रैंप की व्यवस्था की गई थी। [उज्जैन आलोट संसदीय क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्र उज्जैन उत्तर के मतदान केंद्र क्रमांक 220 व 225 संत मीरा कॉन्वेंट हायर सेकेंडरी स्कूल मैं वोट डालने के लिए मतदाताओं में काफी उत्साह है, मतदाताओं की सुविधा के लिए मतदान केंद्र पर पर्याप्त छांव की व्यवस्था की गई है। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 216 उज्जैन उत्तर के बहादुरगंज निवासी 100 वर्षीय श्यामा बाई ने सोमवार को उनके क्षेत्र के मतदान स्थल क्रमांक 78 भाटी राजपूत धर्मशाला लक्कड़गंज में जाकर मतदान किया। इतनी आयु के बावजूद मतदान के प्रति उनके उत्साह में बिल्कुल भी कमी नहीं आई है। श्यामा बाई स्वयं चलकर मतदान केंद्र तक गई और मतदान किया।
मतदान गोपनीयता भंग की शंका-
उज्जैन के कई मतदान केंद्रों पर वीवी पेट से पर्ची के कट कर काफी देर से नीचे गिरने की शिकायत करते मतदाता देखे गए हैं। पर्ची के देर तक वीवी पेट में दिखने से बाद में आने वाले मतदाता को जानकारी हो रही थी कि उसके पहले वाला मतदाता किसे वोट डालकर गया है। मतदाताओं का कहना था कि मतदान एक गुप्त क्रिया है उसकी जानकारी दुसरे को होना ठीक नहीं हैं। मतदाताओं ने कहा कि ऐसी स्थिति में गोपनीयता भंग होने का प्रश्न खडा हो रहा है। जागरूक मतदाताओं ने मतदान केंद्र के पीठासीन अधिकारियों को इससे अवगत करवाया लेकिन किसी ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया और न ही मतदाताओं को मांगने पर ही शिकायत बुक ही उपलब्ध करवाई गई और न ही सहायक रिटर्निंग अधिकारियों को ही बुलवाया गया।
मतदान का बहिष्कार-
उज्जैन –आलोट संसदीय क्षेत्र के घट्टिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत गुराडिया गुर्जर मतदान केंद्र पर दोपहर तक एक भी मत नहीं डला था। यहां ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया था। ग्रामीणों का कहना था कि गांव में विकास कार्य नहीं किए जा रहे हैं भेदभाव किया जा रहा है। गांव का स्कूल जर्जर है, सेवा संस्था का भवन जर्जर है न ही गांव में पेयजल के लिए नर्मदा की लाईन ही लाई जा रही है। एसडीएम राजाराम कर्जरे ग्रामीणों से चर्चा के लिए पहुंचे थे।
पीठासीन अधिकारी पर प्रचार का आरोप कांग्रेस प्रत्याशी धरने पर बैठे –
सोमवार पूर्वान्ह उज्जैन दक्षिण विधानसभा के वार्ड 37 नीलगंगा क्षेत्र के मतदान क्रमांक 33 पर आरती नामक पीठासीन अधिकारी के एक दल के पक्ष में मतदाताओं को बोलने पर विवाद खडा हो गया। काफी देर तक हंगामें की स्थिति बनी रही । यहां तक की नीलगंगा थाना प्रभारी विवेक कनोडिया भी यहां पहुंचे थे। यहां कांग्रेस प्रत्याशी महेश परमार सहित कई नेता पहुंचे और उन्होंने पीठासीन अधिकारी की इस हरकत पर आपत्ति जताते हुए धरना दे दिया। कांग्रेस प्रत्याशी ने इसकी शिकायत जिला निर्वाचन अधिकारी से की जिस पर पीठासीन अधिकारी को तत्काल ही बदलने के आदेश दिए गए। इस दौरान पीठासीन अधिकारी माफी मांगते नजर आई। मामले को लेकर श्री परमार का कहना था कि भाजपा में निराशा की स्थिति है। हमने निर्वाचन आयोग को इसकी शिकायत की है।
दो दिव्यांगों की एक नहीं सूनी, वृद्धा के दोनों हाथों पर स्याही लगा दी-
लोकसभा निर्वाचन 24 के तहत उज्जैन दक्षिण विधानसभा के मतदान क्रमांक 177 पर दो दिव्यांगों की पीठासीन अधिकारी ने एक भी बात नहीं सूनी और दोनों को ही एक दुसरे का सहारा बनाकर मतदान करवाया। यहां तक की एक पैर से दिव्यांग महिला के दोनों हाथों की प्रथम अंगुली पर स्याही लगा दी और दोनों अंगुठे से पीठासीन अधिकारी के रजिस्टर में अंगुठा निशानी करवाई गई।
मतदान केंद्र क्रमांक 177 सरस्वती महाविद्यालय ऋषिनगर पर सुबह श्यामाबाई मालवीय 58 वर्ष (एक पैर से दिव्यांग) एवं उनका पुत्र सोनू मालवीय 28 वर्ष (दोनों आखों से दिव्यांग) मतदान के लिए पहुंचे थे। उनके साथ उनके दो परिजन पुरूष भी आए थे। मतदान केंद्र में जाने पर उन्होंने पीठासीन अधिकारी को दिव्यांग होने की जानकारी देते हुए साथ लाए पुरूषों की मदद से मतदान का आग्रह किया था। इस पर पीठासीन अधिकारी ने अन्य सहयोगियों के आग्रह को नकारते हुए वृद्ध दिव्यांग महिला से कहा कि आप ही आंखों से दिव्यांग का वोट डलवा दिजिए। वृद्धा के नकारने पर भी मतदान कर्मचारियों ने दोनों का वोट स्वीकृत करते हुए साथ आए पुरूष सहयोगियों को बाहर निकाल दिया।
महिला श्यामाबाई का कहना था कि में पढी लिखी नहीं हुं। मुझे कम समझ पडता है। एक पैर से दिव्यांग हुं चलने में परेशानी होती है। इसके बावजूद मेंरे आंखों से दिव्यांग पुत्र का मतदान मेरे सहयोग से करवाया गया। मेरा मत डालने के लिए भी मुझे सहयोगी नही दिया गया। नहीं पुत्र के मतदान के लिए ही सहयोगी को आने दिया गया। सोनू ने बताया कि वे पहले ऋषिनगर में रहते थे अब वे गंगा विहार में रहने जा चुके हैं। वे मतदान के लिए 3 किलोमीटर दूर से आए हैं। पीठासीन अधिकारी से नाम पूछने पर वे नाम बताने को तैयार नहीं हुई। वृद्धा का कहना था कि उनके दोनों हाथों की पहली अंगुली पर श्याही लगा दी गई और अंगुठे में श्याही लगा कर निशानी रजिस्टर में ली गई है। जबकि पुत्र के उलटे हाथ की पहली अंगुली में श्याही लगाई गई है। सोनू का कहना था कि हमने आपत्ति ली लेकिन कोई सूनने को तैयार ही नहीं था। घर से लाए हमारे सहयोगियों को भी बाहर निकाल दिया गया।
हाथों से दिव्यांग राजेश ने किए हस्ताक्षर,मतदान दल हतप्रभ-
आज हुए मतदान में कई रोचक किस्से देखने को मिले हैं। ऐसा ही एक मामला हाथों से दिव्यांग राजेश पांचाल का रहा। वे कमल कालोनी राणा राजपूत समाज की धर्मशाला में मतदान के लिए पहुंचे थे। उनके दोनों हाथ न देखकर पीठासीन अधिकारी ने उनसे सहयोगी के लिए कहा था। इस पर राजेश ने कहा कि वे वोट जारी करें मतदान वे खूद ही करेंगे। प्रक्रिया के तहत राजेश को हस्ताक्षर अंगूठा निशानी कलगाने के लिए स्टांप पेड सामने किया तो राजेश ने उसे भी नकार दिया और बाल पेन मांग कर अपने दिव्यांग हाथों से पीठासीन अधिकारी की मतदाता डायरी में हस्ताक्षर कर दिखाए। यह देख मतदान दल हतप्रभ रह गया। राजेश की मांग पर दिव्यांग सीधे हाथ की कोर पर ही स्याही से निशान लगाया गया।
हिमाचल से आकर मतदान किया-
मतदान के प्रति उदासीनता तो कई जगह देखने को मिली,मतदान को कर्तव्य समझने वालों ने सामने आने वाली तमाम बाधाओं को पार करते हुए मतदान किया है। जहां चाह है वहां राह है ऐसा ही उदाहरण ऋषिनगर निवासी मतदाता श्रीमती वंदना बृजेश ने प्रस्तुत किया है। उनकी बेटी की नियुक्ति हाल ही में हिमाचल विश्व विद्यालय में सहायक प्राध्यापक बतौर हुई है और वे बेटी के पास गई हुई थी। मतदान करने की दृढ इच्छा शक्ति के चलते उन्होने शनिवार को हिमाचल से चंडीगढ का सफर बस से तय किया और उसके बाद अपरांह के समय वहां से ट्रेन में सवार होकर रविवार दोपहर में उज्जैन पहुंची। सोमवार को मतदान के प्रारंभिक दौर में ही उन्होंने उज्जैन दक्षिण विधानसभा के मतदान केंन्द्र क्रमांक 177 सरस्वती महाविद्यालय में अपना मतदान अपने पति एवं सास के साथ जाकर किया।