मुंबई में लॉकडाउन के डर से फिर पलायन: -पुलिस ने डंडे बरसाए, लेकिन मजदूर रातभर रेलवे स्टेशन पर डटे रहे -बोले- यहां रुके तो भूखे मर जाएंगे
मुंबई। महामारी की तीसरी लहर में एक बार फिर पलायन का भयावह नजारा दिखाई दे रहा है। मुंबई में लॉकडाउन के डर से प्रवासी मजदूर रेलवे स्टेशन पर डेरा जमाए हैं। सबकी कोशिश यही है कि कैसे भी लॉकडाउन से पहले अपने गांव-अपने घर पहुंच जाएं। लोग सिर पर सामान लादकर स्टेशन पहुंच रहे हैं।
मुंबई में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना के 20 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। ऐसे में टोटल लॉकडाउन की चर्चा से प्रवासी और खासतौर पर मजदूर बेहद डरे हुए हैं। गुरुवार रात से ही मुंबई के लोकमान्य तिलक स्टेशन पर प्रवासियों की भीड़ उमड़ने लगी थी। आज सुबह तक यह भीड़ और बढ़ गई। मुंबई में कुर्ला के लोकमान्य तिलक टर्मिनस से ही उत्तर प्रदेश और बिहार जाने वाली ज्यादातर ट्रेनें रवाना होती हैं। मुंबई के प्रवासियों में बड़ी संख्या इन्हीं इलाके के लोगों की है। ऐसे में लोकमान्य टर्मिनस पर गुरुवार रात 8 बजे से ही भीड़ बढ़ने लगी थी। इसमें ज्यादातर मजदूर वर्ग के लोग थे, जो शुक्रवार सुबह की ट्रेन के लिए लॉकडाउन के डर से देर रात ही स्टेशन पहुंच जाए थे। उनका कहना था कि यहां रुके तो भूखों मरने की नौबत आ जायेगी। ऐसे में यहां रहकर क्या करें?
स्टेशन पहुंचे, तो पुलिस ने अंदर जाने से रोक दिया
स्टेशन के अंदर जाने लगे तो पुलिस ने अंदर नहीं जाने दिया। पुलिस ने उन्हें डंडे का जोर दिखाया और कहा, ‘क्यों चले आते हो बिहार-यूपी से, जब भागना ही होता है।’ बेबस लाचार मजदूर स्टेशन के सामने बैठ गए। ट्रेन सुबह थी। रात को पहुंचे तो चिंता टिकट की थी। टिकट किसी के पास नहीं। सभी ने प्लान किया की जनरल में चढ़ जाएंगे। टीसी आएगा तो चालान कटवा लेंगे। यही तय करके मजदूर प्लेटफॉर्म की तरफ बढ़े। ज्यादातर मजदूरों के पास न टिकट था और न खाना।
तब इंदौर ने की थी मदद
पिछली बार दूसरी लहर में जब मुंबई से इसी तरह का पलायन हुआ था, तब इंदौर बायपास से कई लोग बिहार तथा उत्तर प्रदेश जाने के लिए आॅटोरिक्शा, ट्रक, डंपर, बाइक सहित जिसको जो साधन मिला उससे गुजरे थे। भूखे- प्यासे लोगों को उस वक्त इंदौर ने खुले हाथों से जमकर मदद की थी। एक बार फिर वही नजारा दिखाई दे सकता है।