उचित खानपान और नियमित जाँच ही हाई ब्लड प्रेशर पर काबू पाने के आसान तरीके :डॉ. राकेश जैन
हर तीन में से दो व्यक्तियों को अपने हाई ब्लड प्रेशर की जानकारी नहीं
इंदौर। भारत में लगभग 90% हाई ब्लड प्रेशर के मरीज इस बीमारी से अवगत नहीं हैं या फिर उन्हें उचित प्रकार से उपचार ही नहीं मिल पा रहा है हमारे भारत में लगभग 22 करोड़ वयस्क हाई ब्लड प्रेशर के शिकार हैं, जिसमें सिर्फ 36.9% मरीजों को ही इसके बारे में जानकारी होती है। वहीं, ऐसे व्यक्ति, जो ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं, उनमें से सिर्फ 50% मरीज ही ऐसे हैं, जो इससे राहत पाने के लिए दवाइयों का सेवन करते हैं। सबसे गंभीर बात यह है कि उनमें से भी आधे मरीजों का ही ब्लड प्रेशर नियंत्रण में है। कुल मिलाकर, भारत में लगभग 90% हाई ब्लड प्रेशर के मरीज इस बीमारी से अवगत नहीं हैं या फिर उन्हें उचित प्रकार से उपचार ही नहीं मिल पा रहा है। वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे के मौके पर उक्त आँकड़ों पर बात कर रहे हैं शहर के जाने-माने वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश जैन, सीनियर कंसलटेंट, इंटरनेशनल कार्डियोलॉजिस्ट, महावीर क्लीनिक एवं डायग्नोस्टिक सेंटर, गीता भवन चौराहा ।
भारत में होने वाली मृत्यु दर का प्रमुख कारण
हाई ब्लड प्रेशर भारत में होने वाली मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण है। शुरुआती लक्षण सामने आने पर लापरवाही बरते बिना यदि इसका उपचार शुरू कर दिया जाए, तो इस पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है। हमारे देश में लगभग 28.1% लोग हाई ब्लड प्रेशर से ग्रसित हैं। यदि इसे गाँवों और शहरों तथा लैंगिक रूप में विभाजित किया जाए, तो शहरों और पुरुषों में इसके मामले अधिक देखने को मिलते हैं।
बच्चे भी हो रहे तेजी से शिकार
आजकल बच्चों में भी हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। एक शोध के आँकड़ें स्पष्ट करते हैं कि लगभग 18.5% किशोरों को यह बीमारी अपनी चपेट में ले चुकी है, जो कि वैश्विक स्थिति (लगभग 3-5%) से कई गुना अधिक है। हालाँकि, कुछ शोध में इसका प्रतिशत 2% से 20.5% तक पाया गया है।
कारणों पर ध्यान देना बेहद जरुरी
मोटापा, अनहेल्दी लाइफस्टाइल, मानसिक तनाव, जंक फूड का लगातार सेवन आदि हाई ब्लड प्रेशर को प्रत्यक्ष रूप से निमंत्रण देने के कारण हैं। मोटापा बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर की सम्भावना को तीन गुना तक बढ़ा देता है। यह बीमारी मुख्य रूप से हृदय, किडनी, मस्तिष्क और आँखों को सबसे अधिक नुकसान पहुँचाती है। यह लकवा और हार्ट फैल्योर का भी मुख्य कारण है।हालाँकि, हाई ब्लड प्रेशर के कोई विशेष लक्षण नहीं होते हैं, लेकिन कुछ लोगों में साँस का फूलना, दिन भर थकान होना, सिर दर्द होना, चक्कर आना, पैरों में सूजन आना, जी मचलाना या बेवजह चिड़चिड़ापन होना आदि इसके लक्षणों के रूप में देखे जा सकते हैं। इन लक्षणों के पाए जाने पर मरीजों को सलाह दी जाती है कि समय व्यर्थ किए बिना डॉक्टर से संपर्क करें और समय-समय पर नियमित रूप से इसकी जाँच करवाते रहें। नियमित उपचार इस बीमारी की वजह से भविष्य में होने वाले दुष्परिणामों से हमें बचा सकता है।
दिनचर्या में बदलाव लाएँ
हेल्दी लाइफस्टाइल, शारीरिक व्यायाम और नियमित रूप से योग करके हाई ब्लड प्रेशर की सम्भावना को कम किया जा सकता है। भोजन में नमक की मात्रा को कम यानि एक दिन में सिर्फ 25 ग्राम नमक का सेवन इसकी रोकथाम में मददगार साबित होता है। मरीजों को चाहिए कि वे अल्कोहल, धूम्रपान और जंक फूड के सेवन से बचें और जितना अधिक हो सके अपने भोजन में हरी सब्जियों और ड्राई फ्रूट्स को शामिल करें तथा पर्याप्त मात्रा में नींद लें। उपरोक्त सभी को अपनी दिनचर्या में शामिल करके ब्लड प्रेशर से काफी हद तक राहत मिल सकती है।