होटल में तब्दील हो रहा महाराजवाड़ा ..तैयार हुआ सैंपल रूम, जल्द ही निरीक्षण के लिए पहुंचेगी पर्यटन विभाग की टीम
उज्जैन। उज्जैन शहर में देश विदेश से आने वाले पर्यटकों को महाकाल मंदिर के पास जल्द ही अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होटल की सुविधा मिलने वाली है। गौरतलब है कि महाराजवाड़ा स्कूल भवन को पर्यटन विभाग होटल में तब्दील कर रहा है और यह काम तेजी से जारी है। विभाग के अफसरों से प्राप्त जानकारी के अनुसार होटल में सैंपल रूम तैयार कर दिया गया है और इसका निरीक्षण करने के लिए विभाग की टीम जल्द ही उज्जैन आने वाली है। बता दें कि विभाग ने होटल निर्माण का काम करने वाली कंपनी को 10 मई तक का समय सैंपल रूम तैयार करने के लिए दिया था।
हेरिटेज होटल बन रहा है
गौरतलब है कि महाराजवाड़ा भवन को हेरिटेज होटल में परिवर्तित किया जा रहा है और इसका काम तेजी से जारी है। यहां होटल बनाने का काम फरवरी माह से शुरू किया गया था। महाकाल महालोक के निर्माण के बाद उज्जैन में धार्मिक पर्यटन में बढ़ोतरी और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की इसमें विशेष रूचि होने के बाद होटल का काम जल्द पूरा हो इसे लेकर विभाग लगातार यहां नजर बनाए हुए है। विभाग द्वारा दी गई डेडलाइन में कंपनी ने एक सैंपल रूम बनाकर तैयार कर दिया है, जिसका फिनिशिंग कार्य पूरा किया जा रहा है। जल्द ही यहां विभाग के अधिकारी दौरा करेंगे, जिसके बाद जल्द ही दूसरे कमरों का काम तेजी से शुरू कर दिया जाएगा। विभाग इसे तैयार करने के लिए 1047.41 लाख खर्च कर रहा है। सैंपल रूम के अलावा यहां फिलहाल फ्लोरिंग, सीवर लाइन और रेस्टोरेंट का काम भी शुरू हो चुका है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यहां 22 रूम के अलावा एक किचन, एक रेस्टोरेंट तैयार किया जा रहा है। वहीं, अब इस प्रोजेक्ट में एक रूफ टॉप रेस्टोरेंट भी जुड़ गया है। उल्लेखनीय है कि महाराजवाड़ा में पहले शासकीय महाराजवाड़ा हायर सेकेंडरी स्कूल संचालित होता था। यहां काफी बड़ा मैदान मौजूद है। इसके तैयार होने के बाद इंदौर रीजन को उज्जैन में पर्यटन विकास निगम का एक और होटल मिल जाएगा और यहां विभाग के चार होटल हो जाएंगे।
ताकि भवन अगले 200 साल मजबूती से खड़ा रहे
महाराजवाड़ा स्कूल भवन को हेरिटेज होटल के रूप में तब्दील करने का काम, महाकाल-रुद्रसागर एकीकृत विकास दृष्टिकोण मृदा परियोजना के फेज-2 का हिस्सा है। भवन के रिनोवशन का काम जयपुर की राजपुताना कंस्ट्रक्शन कंपनी से कराया जा रहा है। कहा गया है कि महाराजवाडा भवन का रिनोवेशन कार्य सीमेंट की बजाय गुड़, मैथी, गूगल, बिल्व पत्र के फल, उड़द का पानी और चूना मिलाकर तैयार चमत्कारी मटेरियल से किया जाएगा। ताकि भवन अगले 200 साल मजबूती से खड़ा रहे। हेरिटेज होटल बनने से पर्यटक को एक बेहतर सुविधा मिलेगी। वे महाकाल क्षेत्र की खूबसूरती धर्मशाला से निहार सकेंगे। जिस प्रकार महाकाल धर्मशाला और हरसिद्धि धर्मशाला का संचालन होता रहा है, वैसे ही हेरिटेज होटल का भी संचालन होगा। लोकार्पण के वक्त इसका नामकरण भी किया जाएगा। धर्मशाला पूरी तरह वातानुकूलित और पर्यावरण के अनुकूल होगी।