इंदौर नगर निगम ननया बवाल : रिमूवल गैंग को पहना दी सेना जैसी वर्दी
विरोध में उतरे लोगों ने कहा- यह सेना का अपमान, अधिकारी बोले- विवादों में कमी लाने के लिए उठाया कदम
इंदौर । नगर निगम इंदौर में अधिकारियों के लिए ड्रेस कोड लागू होने के बाद अब रिमूवल गैंग (अतिक्रमण हटाओ दस्ता) के कर्मचारियों के लिए भी ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है। ये कर्मी अब सेना के कमांडों जैसी ड्रेस में नजर आएंगे।
निगम अधिकारियों का कहना है कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान होने वाले विवादों में कमी लाने के लिए यह कदम उठाया गया है। जैसी ही इस पोशाक में निगम कर्मी नजर आए तो शहर के आम लोगों ने इंटरनेट मीडिया में फोटो पोस्ट कर विरोध शुरू कर दिया। लोगों ने इसे सेना का अपमान बताया। इस मसले को कांग्रेस ने तुरंत समर्थन देकर सेना के अपमान की बात कही।
पूर्व में सेना जता चुकी है आपत्ति
कोविड के दौरान पुलिस अधिकारियों ने इसी तरह की वर्दी पहननी शुरू की थी। सेना ने इस पर आपत्ति करते हुए पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखा था। इसके बाद पुलिस को अपना फैसला वापस लेना पड़ा था। कुछ वर्ष पहले ग्वालियर नगर निगम ने भी सेना की तरह दिखने वाली ड्रेस कर्मचारियों को पहनने के लिए दी गई थी। हालांकि आपत्ति आने के बाद इसे वापस लेना पड़ा था।
सेना की वर्दी का अपमान
सेवानिवृत मेजर ऋषि तिवारी का कहना है कि यह सेना की वर्दी का अपमान है। सेना की वर्दी का एक सम्मान होता है। फौज में कहा जाता है कि यह वर्दी बाजार से खरीदी नहीं जा सकती। इसे बलिदान से कमाना पड़ता है। निगम कर्मियों को सेना जैसी वर्दी पहनाना सैनिकों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कदम है। सेना की वर्दी पर कांबेट पैटर्न होता है। इसका उद्देश्य होता है कि जंगल में युद्ध करते हुए सैनिक वहां पेड़ पौधों के बीच में खुद को छिपा सकें।
महापौर पुष्प मित्र भार्गव का कहना है कि यह स्वागत योग्य कदम है। यह ड्रेस इसलिए दी गई है ताकि कर्मचारी अनुशासन में रहें, एकरूपता दिखाई दे और कार्रवाई के दौरान किसी प्रकार का विवाद उत्पन्न न हो। इस कलर की वर्दी पहनने की कोई मनाही नहीं है।