सरकारी पीडीएस राशन की हो रही कालाबाजारी, चावल घटिया इसलिए लोग बेचते है बाजार में, सस्ता दामों में खरीद कर महंगे दामों में बेच रहे दलाल
सारंगपुर। इन दिनों सरकारी चावल की जमकर कालाबाजारी हो रही है। राशन कार्डधारियों से चावल लेकर उसे खुले बाजार में बेचने का धंधा काफी दिनों से चल रहा है। हद तो तब हो गई है कि खाद्य विभाग के आला अधिकारी ही सब कुछ जानकर आंखे मूंदे बैठे है। उल्लेखनीय है कि शहर सहित अंचल में हजारों परिवारों को सस्ता राशन उपलब्ध कराने के लिए सैकडों राशन दुकानें संचालित है। शासन की योजना के मुताबिक यहां अंत्योदय, निराश्रित, अन्नापूर्णा, प्राथमकिता वाले तथा नि:शक्तजनों को सस्ते दर पर चावल, गेहूं, शक्कर, मिट्टी तेल आदि सामग्रियां उपलब्ध कराया जाता है। सूत्रों की माने तो सफेद चावल के काले कारोबार में कई मंडी व्यपारी भी लिप्त है। लोग राशन दुकानों से चावल लाकर इसलिए बाजार में बेचते है क्योंकि यह खाने लायक नहीं होता है। राशन दुकानों पर वितरित होने वाला चावल घटिया, मिलावटी और चुरीदार होता है। इसलिए उपभोक्ता इसे बेचता है और अवैध कारोबारी इसे कम दामों में खरीद कर इसकी कालाबाजारी करते है।
गौरतलब है कि गरीबों को सस्ता राशन उपलब्ध कराने के लिए शासन की ओर से राष्ट्रीय खाद्यान्ना योजना शुरू की गई है। इसके तहत बीपीएल श्रेणी के पात्रता रखने वाले हितग्राहियों को अलग-अलग योजना के तहत सस्ते दरों पर चावल, गेहूं, नमक प्रदान किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य गरीबों को भरपेट भोजन उपलब्ध कराना है।
जानकारी के अनुसार बीपीएल श्रेणी के उपभोक्ताओं को प्रति सदस्य 5 किलो के मान से गेहूं चावल प्रदान किया जा रहा है। अन्त्योदय(पीला राशन कार्डधारी ) परिवार को 35 किलो अनाज के साथ शक्कर प्रदान की जाती है।
मंडी व्यापारी भी है शामिल
विश्वसनीय सूत्रों की माने तो सफेद चावल के इस काले कारोबार में सारंगपुर शहर के कई मंडी व्यापारी भी शामिल है। जो छोटी दुकानदारों से क्विंटलो की मात्रा में पीडीएस चावल खरीद कर रात के अंधेरे में सारंगपुर अकोदिया नाका, पाडल्या रोड सहित अनेक स्थानों से गाडियां भरकर निकाल रहे है। ऐसा नही है की इस बात की जानकारी स्थानीय अधिकारियों को नही है, बल्कि ये सब इनकी मिलीभगत से हो रहा है
अधिकांश दुकानों में नहीं लगे कैमरे
खाद्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक शहर के संचालित राशन दुकानों में सीसी टीवी कैमरा लगाने का काम राज्य स्तर पर किया जा रहा हैं, लेकिन अभी तक किसी भी राशन दुकानों पर कैमरे लगे नही दिखाई दिए है। ज्ञात हो कि वार्ड पार्षद सरपंचों द्वारा समय-समय पर दुकानों में पहुंचकर स्टॉक मिलान, रजिस्टर आदि की पडताल किया जाना है, लेकिन निगरानी नहीं हो पा रही। शायद यह भी एक वजह है कि खाद्य सामग्री की कालाबाजारी को बढावा मिला है।