मध्यप्रदेश में चुनाव खत्म होने के बाद आचार संहिता बनी औपचारिकता
जनप्रतिनिधियों ने संभाला अपना कामकाज, 4 जून तक नहीं होंगे नए वर्क आर्डर
इंदौर । मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव का दौर खत्म हो चुका है लेकिन आचार संहिता 5 जून तक लागू रहने की औपचारिकता का पालन किया जाएगा, नए वर्क आर्डर नहीं होंगे लेकिन जनप्रतिनिधि पुराने कामों को लेकर काम की समीक्षा करते रहेंगे जनसुनवाई फिलहाल नहीं होगी लेकिन कलेक्टर कार्यालय में लंबित प्रकरणों की सुनवाई एवं उसे पर निर्णय लिए जा सकेंगे।
वहीं दूसरी ओर इंदौर शहर की बात की जाए तो यहां आचार संहिता का चुनाव के दौरान भी खास असर दिखाई नहीं दिया क्योंकि पिछले माह लगातार बड़े अपराध हुए। जबकि लाइसेंसी हथियार थानों में जमा कराए गए इसके बाद भी अपराध का ग्राफ काम नहीं हुआ। खुलेआम गुंडे अवैध हथियार लहरते दिखाई दिए।
वहीं जिला प्रशासन द्वारा 4 जून तक बोरिंग करने पर लगा दी गई थी इसके लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेना निर्धारित किया गया था बोरिंग से प्रतिबंध आगामी 4 जून के बाद हटेगा। जिसके चलते फिलहाल मकान निर्माण का काम धीमा हो चुका है। नगर निगम की बिल्डिंग परमिशन सेल में पिछले माह में आने आवेदनों की संख्या कम रही केवल 8 से 10 आवेदन ही यहाँ पहुँचे, इसके विपरीत आचार संहिता जब लागू नहीं रहती है तब इन आवेदनों की संख्या 25 तक पहुंच जाती है।
इंदौर में चुनाव होने के बाद सभी जनप्रतिनिधियों ने अपना-अपना काम का संभाल लिया है सांसद शंकर लालवानी ने मतदान के दूसरे दिन ही नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा बनाई जा रही इंदौर खंडवा सड़क मार्ग की समीक्षा एवं निरीक्षण यहां पहुंचकर किया इसके अलावा महापौर पुष्यमित्र भार्गव नगर निगम कार्यालय में बैठकर ले रहे हैं। लेकिन इसको लेकर कांग्रेस के विधिक सेल ने सवाल उठाएं अभिभाष सौरभ मिश्रा ने बताया कि भाजपा के नेता चुनाव आयोग आचार संहिता का पालन नहीं कर रहे हैं।
पूरे देश में चुनाव आयोग द्वारा 5 जून तक आचार संहिता लागू की गई। लेकिन कानून के जानकार ही चुनाव आयोग के आदेश का मजाक बना रहे है। भले ही मध्य प्रदेश में चुनाव खत्म हो चुके हैं लेकिन अभी अन्य राज्यों में चुनाव होना बाकी है ऐसे में चुनाव को प्रभावित किया जा रहा है शासकीय कार्यालय का फिलहाल उपयोग जनप्रतिनिधियों को नहीं करना चाहिए। कांग्रेस उचित फोरम पर इसको रखेगी।