प्रभारी अधिकारी विधि की गफलत ,बीओ हर्ष जैन पर गिरी गाज
-कंटेंप्ट के मामले में पूर्व आयुक्त का जारी हुआ जमानती वारंट
-नगरीय प्रशासन विभाग ने कार्रवाई न करने पर भवन अधिकारी को निलंबित किया
उज्जैन। अतिक्रमण तोडने के एक मामले में न्यायालय आदेश के बाद भी कार्रवाई न होने पर संबंधित ने अवमानना का प्रकरण दाखिल किया था। न्यायालय में पेश न होने पर इसमें पूर्व आयुक्त रोशन कुमार सिंह के खिलाफ जमानती वारंट जारी हुआ था। प्रभारी अधिकारी विधि की गफलत से मामले में संबंधित जोन 6 के भवन अधिकारी हर्ष जैन को आयुक्त नगरीय प्रशासन ने इस मामले में निलंबित किया है।
जोन 6 अंतर्गत नानाखेडा निवासी नेहा खट्टर ने अतिक्रमण को लेकर आवेदन प्रस्तुत किया था। यह मामला रिट पिटीशन से उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में लगा और इसमें न्यायालय ने आदेश पारित किया था। न्यायालय के आदेश अनुक्रम में कार्रवाई न होने की स्थिति में इसी मामले में संबंधित ने अवमानना याचिका लगाई थी। मामले में न्यायालय आदेश के तहत भवन अधिकारी हर्ष जैन ने कार्रवाई न करते हुए मात्र सूचना पत्र जारी किए । इसे लेकर उच्च न्यायालय ने तत्कालीन आयुक्त रोशन कुमार सिंह के विरूद्ध जमानती वारंट जारी किया था। वारंट जारी होने पर नगरीय प्रशासन विभाग में खलबली मच गई और इस संबंध में आयुक्त नगर निगम से जांच प्रतिवेदन मांगा गया था। इसमें भवन अधिकारी की गलती सामने आने पर उन्हें निलंबित किया गया है।
कंटेंप्ट में प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया-
मामले में सामने आ रहा है कि पूरी गफलत प्रभारी अधिकारी विधि के यहां से ही फैली है। इंजीनियर होते हुए उन्हें प्रभारी अधिकारी विधि नियुक्त किया जाना भी एक कारण इसमें शामिल है। कंटेप्ट नामजद स्थिति में थी। ऐसे मामलों में समन्वयक नियुक्त किया जाना था जबकि प्रभारी अधिकारी विधि ने अन्य प्रकरणों की तरह ही इसमें भी भवन अधिकारी हर्ष जैन को प्रभारी अधिकारी कर दिया। इसी के चलते भवन अधिकारी पर आरोप है कि उन्होंने प्रकरण में रूचि नहीं ली और मामला जमानती वारंट तक पहुंच गया।
आयुक्त ने नाराजगी जताई थी-
मामला उस समय सामने आया था जब तत्कालीन आयुक्त रोशन कुमार सिंह के विरूद्ध न्यायालय ने जमानती वारंट जारी किया तो श्री सिंह ने आयुक्त नगर निगम आशीष पाठक से इस संबंध में चर्चा की और उन्हें मसले से अवगत करवाया। कंटेंप्ट प्रकरण में लापरवाही उजागर होने पर आयुक्त श्री पाठक ने मामले में प्रभारी अधिकारी विधि को इसे लेकर सवाल जवाब करते हुए डांटा था। इसके बाद उन्होंने जांच के साथ अपना प्रतिवेदन नगरीय प्रशासन विभाग संचालनालय को भेजा था। प्रतिवेदन के आधार पर भवन अधिकारी को निलंबित किया गया है।