दैनिक अवंतिका उज्जैन। पत्नी, बच्चों व परिवार से संबंध रखने वाले लोगों को महामंडलेश्वर नहीं बनाया जाना चाहिए। यह धर्म के नियमों के विपरित है। ऐसे करने से ही वर्तमान में सनातन धर्म की हानि हो रही है। 
हाल ही में रुपए लेकर महामंडलेश्वर बनाने जाने का मामला सामने आने के बाद अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय सचिव रूपेश मेहता ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज को इस संबंध में पत्र लिखकर मांग की है कि सनातन धर्म के नियम अनुसार गृहस्थ व्यक्ति साधु नहीं हो सकता। साथ ही शास्त्रों में महामंडलेश्वर, महंत, श्री महंत बनाने का भी कहीं उल्लेख नहीं मिलता है। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष से मांग है कि जो व्यक्ति गृहस्थ से वानप्रस्थ आश्रम में जाते हैं उन्हें परिवार को त्याग कर साधु बनना होता है। परिषद का कर्तव्य कि धर्म के नियम पालन करने वालों को ही ऐसे पद दिए जाए और जो महामंडलेश्वर यह नहीं कर सकते उन्हें अखाड़े से निकाल देना चाहिए।