क्यू आर कोड को बनाया बेजुबानो का सहारा, पेट्स का भी आधार कार्ड

—–पं राहुल शुक्ल ——–
उज्जैन।

आधुनिक तकनीक का यदि सही ढंग से प्रयोग किया जाए तो वह एक वरदान ही है। इसे सिद्ध किया है मुंबई के एक युवा इंजीनियर ने। हमारे देश मे बहुत सारे पालतू और मोहल्ले के कुत्ते बिछुड जाते हैं अपने प्यार करनेवालो से। ये समय कितना भारी होता है जब आपका प्यारा श्वान या बिल्ली गुम जाए। उसे ढूंढ पाना बहुत मुश्किल होता है। दीपावली के समय पटाखों की आवाज से डरकर कई पेट डाॅग अपने मालिक से बिछुड़ कर दूर इलाकों मे पहुंच जाते हैं। ऐसे समय दूसरे स्ट्रे डाॅग उन्हे घायल कर देते हैं या कोई नया व्यक्ति उसे बेसहारा समझकर अपने घर मे बांध लेता है। श्वान मूलरूप से बहुत ही प्रेमी जीव है जो अपनी वफादारी के लिए जगप्रसिद्ध है। अपने मालिक से विलग हो जाने पर वह बहुत दुखी होता है और अन्न जल तक त्याग देता है।

 

बेजुबानो की इसी पीड़ा को समझा मुम्बई के 24 वर्ष के एक युवा इंजीनियर ने जब उनका प्यारा कुत्ता कालू गुम हो गया। साफ्टवेयर इंजीनियर अक्षय रिडलान ने वर्ष 2023 मे टेक्नालॉजी का उपयोग करके मूक प्राणियो का एक आधार कार्ड ही तैयार कर दिया जिससे खोया हुआ पेट उसके मालिक तक वापस पहुंच जाए। अक्षय ने एक क्यू आर कोड तैयार किया जिसको मोबाइल से स्कैन करने पर पेट्स( कुत्ता, बिल्ली, गाय आदि) का पूरा विवरण मोबाइल स्क्रीन पर आ जाता है जैसे कुत्ते के मालिक का नाम, पता, मोबाइल नंबर आदि। इसके अलावा वैक्सिनेशन की जानकारी भी इसमे होती है कि वैक्सीन कब लगी और अगला डोज कब लगना है।

 

शुरूआत मे अक्षय ने ऐसे क्यू आर कोड लेमिनेट करवा के अपने मोहल्ले के कुत्तों की काॅलर पर चस्पा करके नेकबेल्ट के साथ लगाए और प्रयोग सफल रहा। इस सफलता के बाद अक्षय ने स्वयं के खर्चे से कुछ क्यू आर कोड काॅलर बेल्ट मुम्बई मे पेट्स लवर्स को दिए। इस क्यू आर कोड तकनीक की लोकप्रियता इतनी अधिक हो गई कि उनके पास क्यू आर कोड की मांग लगातार बढने लगी। बेजुबानो से प्यार करनेवाले अक्षय ने कुछ पेट लवर्स बच्चों को अपने साथ जोड़ा और कुछ सुधार के साथ क्यू आर कोड के लिए न्यूनतम शुल्क निर्धारित किया। अपनी सर्विस के साथ इस मुहिम को निरंतर गति देने के लिए उन्होने पाॅ- फ्रेंड इंडिया नामक एक एन जी ओ बनाया जो पेट्स लवर्स का एक संगठन है ।ये संगठन क्यू आर कोड काॅलर बेल्ट बनाकर पूरे भारत मे कम कीमत मे उपलब्ध कराता है। गुमशुदा श्वान या बिल्ली के गले मे डला हुआ ये कोड बेजुबान के मालिक की पूरी जानकारी लिए हुए होता है जिससे उसके मालिक तक पहुंचा जा सकता है। देश मे पेट लवर्स के लिए ये एक सुखद इनोवेशनल इवेंट है। कोई भी इच्छुक व्यक्ति सोशल मीडिया पर पाॅ इंडिया की साइट पर जाकर आनलाइन फार्म भरकर ये क्यू आर कोड वाला काॅलर बैल्ट प्राप्त कर सकता है जिसके प्रयोग से उनका खोया हुआ पेट वापस मिलने की अपार संभावना है। अक्षय का ये क्यू आर बेल्ट देश के पेट्स लवर्स के लिए एक अनुपम सौगात है।

बहुत खुशी हुई
निश्चित ही ये क्यू आर बेल्ट पेट लवर्स के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। इससे कुत्ता खो जाने पर वापस उसके मालिक के पास पहुंच जाएगा जो दोनो के लिए बहुत राहतभरा होगा।—ललित श्रीवास्तव फ्रीगंज

बेजुबानो के लिए बड़ी सौगात
श्वान अपने मालिक से बिछुड जाता है तो उसकी पीड़ा असहनीय होती है ऐसे मे ये यूनिक पद्धति बहुत ही खुशी दे रही है।—– श्रीमती कल्पना शुक्ला ,अलकापुरी