भौतिकी अध्ययनशाला में फ़ोटोनिका 2024 का आयोजन हुआ  

 

 

उज्जैन। अंतराष्ट्रीय प्रकाश दिवस के उपलक्ष्य में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की भौतिकी अध्ययनशाला में फिजिक्स क्लब के तत्वावधान में फ़ोटोनिका 2024 का आयोजन किया गया। वर्ष 1960 में लेज़र का आविष्कार महान वैज्ञानिक थियोडोर माईमन ने 16 मई 1960 को किया था।कार्यक्रम में शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय उज्जैन के भौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मंगलेश्वर ठाकरे मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।

डॉ.  ठाकरे ने प्रकाश का हमारे जीवन में महत्व बताते हुए विद्यार्थियों से चर्चा की। अपने उद्बोधन में उन्होंने विद्युत क्षेत्र, चुंबकीय क्षेत्र, विद्युत-चुंबकीय क्षेत्र, एस्ट्रोफिजिक्स में ग्रेविटोन व स्ट्रिंग थ्योरी पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर उपस्थित सभी विद्यार्थियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए एवं बताया कि प्रकाश  के बिना जीवन अकल्पनीय है।अंत में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही विभागाध्यक्ष प्रो. स्वाति दुबे ने विद्यार्थियों को विद्युत और प्रकाश के बीच अंतर बताया। प्रो. दुबे ने कहा कि अज्ञानता रूपी अंधकार को दूर करने के लिए हमारे जीवन में ज्ञान रुपी प्रकाश अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और इसमें शिक्षा का योगदान सर्वोपरि है। इस अवसर पर डॉ. गणपत अहिरवार, डॉ. निश्छल यादव, डॉ. कमल जैन, डॉ. रत्ना अग्रवाल, डॉ. प्रिया दुबे, डॉ. अपूर्वा मुले आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन छात्र अंशुल सुधांशु द्वारा किया गया।