किसानों को आवश्यकता अनुसार उर्वरकों के उपयोग के लिए प्रेरित करें
-किसानों की फसल उत्पादकता और आय में वृद्धि के लिए प्रयास किए जाएं
-मृदा परीक्षण के निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति के लिए सभी कृषि विस्तार अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा
उज्जैन।उज्जैन संभाग के सभी जिलों के किसानों की फसल उत्पादकता और आय में वृद्धि के लिए गंभीरता से प्रयास किए जाएं। किसान फसल की आवश्यकता अनुसार उर्वरकों का उपयोग करें, इसका व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। किसानों को उर्वरकों का फसलों के प्रभाव के संबंध में जागरूक करें।
उज्जैन संभागायुक्त संजय गुप्ता ने सभी जिलों के कृषि उप संचालकों को ये निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संभाग के सभी जिलों में मृदा परीक्षण के लक्ष्य में वृद्धि की जाएं और उस लक्ष्य की शत प्रतिशत पूर्ति भी करें। कृषि विभाग और समितियों का अमला आपसी समन्वय से किसानों के खेतों की मृदा परीक्षण कराएं। उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि विभागीय लक्ष्य की पूर्ति में लापरवाही पर संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही के जाएगी।
कार्रवाई नहीं करने वाले उपसंचालकों को नोटिस जारी-
संभागायुक्त ने शनिवार को प्रशासनिक संकुल भवन में कृषि और कृषि से संबंधित अन्य विभागों के कार्यों की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने नरवाई जलाने वालों के विरुद्ध जुर्माने की कार्यवाही के निर्देश के बावजूद उचित कार्यवाही नहीं करने पर संबंधित उप संचालकों को कारण बताओं नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि सहकारिता और मंडियों के किसानों के डेटाबेस के आधार पर खाद के उपयोग को रेग्यूलेट किया जाएं। साथ ही सहकारी बैंक और समितियों में प्रमुख फसलों के अनुशंसित खाद की मात्रा के फ्लेक्स डिस्प्ले कराएं जाएं। खाद के संतुलित उपयोग का वास्तविक रूप से प्रचार प्रसार किया जाएं।
ड्रोन तकनीक को बढावा दें-
उन्होंने कहा कि कृषि में ड्रोन तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एफपीओ को ड्रोन के लिए आवेदन कराएं जाए। ड्रोन तकनीक के उपयोग के लिए ऑनलाइन बुकिंग और सभी समितियों को उपलब्ध कराने के लिए एक मॉडल बनाएं जाएं। सभी कस्टम हायरिंग सेंटर का बेहतर ढंग से संचालन किया जाएं। जिले की क्रियाशील और अक्रियाशील कस्टम हायरिंग सेंटर की जानकारी भी दी जाएं।
बंद मृदा प्रयोगशालाओं को चालू करवाएं-
संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि संभाग की बंद पड़ी मृदा प्रयोगशालाओं को क्रियाशील जल्द से जल्द करवाएं । प्राथमिक कृषि ऋण समितियां(पैक्स) पंचायत स्तर पर सुव्यवस्थित रूप से कार्य करें, जिससे इसका फायदा सभी किसानों को हो सके। इसी के साथ सहकारी बैंकों की वित्त स्थिति की समीक्षा कर बैंकों के सीआरआर, एनपीए आदि की जानकारी लेकर कृषि विकास के लिए ऋण संबंधी आवश्यक दिशा निर्देश दिये।उसके बाद खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के माध्यम से किसानों की फसलों का वैल्यू एडिशन और सभी इकाइयों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने को लेकर भी दिशा निर्देश दिये।
खरीफ की सिरे से समीक्षा-
बैठक में संभागायुक्त ने प्रमुख खरीफ फसलों के प्रस्तावित उत्पादन,अनुशंशित उर्वरक की मात्रा, फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए नैनो यूरिया, हाइब्रिड फसलें ,सिंचाई की नवीन तकनीकें ड्रिप ,स्प्रिंकलर और उर्वरकों के सही उपयोग की मात्रा किसानों तक पहुंचाने के लिए मृदा के सैंपल और टेस्टिंग कृषि विस्तार अधिकारीयों के माध्यम से करवा कर सभी किसानों को समय सीमा में मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराना,कृषि में ड्रोन के उपयोग की प्रासंगिकता बढ़ाने की भी जिलेवार समीक्षा की। संभागायुक्त श्री गुप्ता ने उज्जैन, रतलाम, नीमच, मंदसौर,आगर-मालवा, शाजापुर और देवास में खरीफ फसलों की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने उद्यानिकी , मत्स्यपालन के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक में संभाग के सभी जिलों के उप संचालक कृषि, उपायुक्त सहकारिता, सीईओ सहकारी बैंक, संयुक्त संचालक उद्यानिकी, संयुक्त संचालक मत्स्य पालन आदि अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहें।